यूक्रेन से लौटे मेडिक्ल छात्रों के एडिमशन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिया ये सुझाव

Friday, Sep 16, 2022 - 02:07 PM (IST)

नेशनल डेस्क : रूस के यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद भारतीय छात्रों को देश वापस बुलाया गया था। इन छात्रों की एडमिशन के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। एडमिशन आसान करने के लिए सरकार को एक पोर्टल बनाने का सुझाव दिया है, इस मामले में अगली सुनवाई 23 सितंबर को होगी। इससे पहले केंद्र सरकार ने इस मामले पर जवाब दाखिल करते हुए कहा था कि कानूनी तौर पर इन छात्रों को भारत के मेडिक्ल कॉलेज में एडमिशन दे पाना संभव नहीं है। यह लोग यूक्रेन के अपने कॉलेज से सहमति लेकर दूसरे देश में डिग्री पूरी कर सकते हैं ।

NMC ने इससे पहले जारी किया था आदेश 

बता दें कि 7 सितंबर को राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने यूक्रेन से लौटे छात्रों के एडमिशन को लेकर आदेश जारी किया था। एनएमसी ने यूक्रेन द्वारा पेश किए गए एकेडमिक मोबलिटी प्रोग्राम को मान्यता देने के लिए सहमती दे दी थी, हालांकि इन छात्रों को यूक्रेन की मूल यूनवर्सिटी से ही डिग्री प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही एनएमसी ने इन छात्रों को दुनिया की किसी भी यूनिवर्सिटी से पढ़ाई पूरी करने की अनुमति दे दी थी।

साथ ही रूस की कई यूनिवर्सिटीज भी भारतीय स्टूडेंट्स को उनकी मेडिकल की पढ़ाई पूरी करने के लिए मदद देने के लिए आगे आई हैं। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान भारत सरकार ने कहा था कि यूक्रेन के इन भारतीय स्टूडेंट्स का मामला विचाराधीन है। यूक्रेन में लगभग 20 हजार भारतीय स्टूडेंट्स पढ़ाई कर रहे थे।

ये है छात्रों की मांग

दरअसल, फरवरी में रूस के यूक्रेन पर आक्रमण शुरू करने के बाद भारत समेत कई देशों के मेडिकल छात्र अपने देश वापस आ गए थे। ऐसे भारतीय छात्र अब अपने देश के मेडकल कॉलेजों में उन्हें दाखिला दिए जाने की मांग कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने आज इस मामले पर सुनवाई की, मामले को लेकर केंद्र सरकार का कहना है कि कानून के मुताबिक, इन छात्रों को दाखिला दे पाना संभव नहीं है। छात्रों को लेकर कहा जा रहा है कि उन्हें ऐसी व्यवस्था के बारे में बताया गया है कि यूक्रेन के कॉलेज से सहमति लेकर वे किसी और देश में अपनी पढ़ाई पूरी कर सकते हैं और डिग्री हासिल कर सकते हैं।

Parveen Kumar

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