एचआरडी मंत्रालय को सुप्रीम कोर्ट ने स्कूली बच्चों की सुरक्षा पॉलिसी बनाने के दिए निर्देश

Tuesday, Apr 17, 2018 - 05:40 PM (IST)

नेशनल डेस्कः सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को गुरुग्राम स्कूल मर्डर केस में मृतक बच्चे के पिता द्वारा जारी याचिका पर सुनवाई की। अदालत ने सुनवाई के दौरान मानव संसाधन विकास मंत्रालय को निर्देश दिए कि बच्चों की सुरक्षा को लेकर पॉलिसी और दिशानिर्देश बनाए जाएं। इसके लिए मंत्रालय को न्यायालय ने तीन महीने का वक्त दिया है। अदालत ने कहा कि सरकार द्वारा लिया गया यह फैसला सरकारी और प्राइवेट दोनों स्कूलों पर लागू होगा।

कोर्ट नहीं है दिशानिर्देश और पॉलिसी बनाने में एक्सपर्ट
बच्चों की सुरक्षा के मुद्दों को लेकर कोर्ट में दायर जनहित याचिका में इस पर क्रियान्वयन की मांग की गई। न्यायमुर्ति आदर्श कुमार गोयल और न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन की बेंच ने कहा कि स्कूलों के लिए दिशानिर्देश या पॉलिसी बनाने में कोर्ट एक्सपर्ट नहीं है। इसलिए बेहतर होगा कि सरकार इस माले को संज्ञान में ले। पीठ ने कहा कि हम मानव संसाधन मंत्रालय को जनहित याचिका में की गई अपील को देखने और तीन महीने में निर्णय लेने का निर्देश देते हैं। इससे पहले अदालत ने केंद्र सरकार को संकलित नियमों और राज्यों से विचार करने का निर्देश दिया था। जिसमें रेयान पब्लिक स्कूल में मारे गए बच्चे के पिता द्वारा दायर याचिका पर सभी राज्यों से प्रतिक्रिया मांगी गई।

हरियाणा, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश ने मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दायर की। वहीं दो महिला वकीलों आभा आर शर्मा और संगीता भारती ने बच्चों की सुरक्षा को लेकर पॉलिसी बनाने और देश में मर्डर, यौन उत्पीड़न से स्कूली छात्रों की सुरक्षा के लिए मौजूदा दिशा निर्देशों को लागू करने की मांग की है।

याचिका के मुताबिक सभी नए कर्मचारियों को नियुक्ति के एक महीने के भीतर ही बच्चों की सुरक्षा को लेकर एक दिन का ओरिएटेशन प्रोग्राम आयोजित किया जाना चाहिए। स्कूलों में चाइल्ड एब्यूज मॉनिटरिंग कमेटी का होना जरूरी है. जिसमें प्रतिनिधि के तौर पर दो छात्र हों और स्कूल में किसी नई नियुक्ति से पहले उसकी पुलिस वेरिफिकेशन की जाए।               
 

Yaspal

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