सुप्रीम कोर्ट ने ठुकराई शादी की उम्र कम करने वाली याचिका, वकील पर लगाया जुर्माना

Monday, Oct 22, 2018 - 07:23 PM (IST)

नेशनल डेस्कः सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को भारत में शादी की उम्र कम करने वाली याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। यह बात सभी को मालूम है कि भारत में शादी के लिए लड़के की कानूनन उम्र 18 वर्ष और पुरुष की 21 वर्ष है। इससे कम उम्र में शादी करना कानूनी तौर पर अमान्य माना जाता है। शादी के लिए पुरुषों की उम्र 21 से 18 वर्ष करने वाली वकील अशोक पांडे की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है।

कोर्ट ने क्या कहा विवाह संबंधी कानून पर
कोर्ट को याचिका में कोई भी योग्यता नजर नहीं आई। यही वजह है कि अदालत ने इसे खारिज कर दिया और वकील पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। इससे पहले कानून मंत्रालय ने भी सुझाव दिया था कि सभी धर्मों के महिला पुरुषों के लिए शादी की उम्र को 18 साल कर दिया जाना चाहिए। कानूनी पैनल ने कंसल्टेशन पेपर्स में कहा था, यदि एक उमआ में सभी नागरिकों को अपनी सरकार चुनने का अधिकार है तो निश्चित तौर पर उन्हें इस लायक माना जाना चाहिए, कि वह अपने जीवनसाथी भी चुन सकते हैं।

 

क्या कहता है कानूनी पैनल लॉ
कानूनी पैनल के मुताबिक, कि पर्सनल लॉ में संसोधन करने से बाल विवाह को रोका जा सकता है और असामनता को खत्म किया जा सकता है। शादी के लिए पुरुष की उम्र 21 और महिला की 18 होने की वजह से रुढ़िवादिता को बल मिला है कि पत्नी को पति से छोटा होना चाहिए। पैनल ने तर्क दिया था कि हिंदू कानून में 16 साल की लड़की और 18 साल के लड़के की शादी को वैध माना जाता है, जबकि मुस्लिम कानून के मुताबिक, उस नाबालिग की शादी मान्य है, जिसने प्यूबर्टी (युवावस्था) प्राप्त कर ली हो।

 

Yaspal

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