सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु में वन्नियारों को दिए 10.5% आरक्षण को रद्द किया, कहा-मद्रास हाईकोर्ट का फैसला सही था

Thursday, Mar 31, 2022 - 11:36 AM (IST)

नेशनल डेस्क: सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु में वन्नियारों को दिए 10.5 प्रतिशत आरक्षण को रद्द कर दिया है। वन्नियारों को दिए 10.5 प्रतिशत आरक्षण को रद्द करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने वन्नियार आरक्षण अधिनियम 2021 को असंवैधानिक बताया। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि हमारा मत है कि वन्नियार को दूसरों की तुलना में एक अलग समूह के रूप में मानने का कोई आधार नहीं है। यह आरक्षण संविधान के अनुच्छेद 14,15 और 16 के तहत समानता के अधिकार; धर्म, जाति, वर्ण, लिंग या जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव; सार्वजनिक रोजगार के मामलों में अवसर की समानता के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।

 

जस्टिस एल नागेश्वर रॉव की बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा कि जाति आंतरिक आरक्षण का आधार हो सकती है लेकिन यह एकमात्र आधार नहीं हो सकती। सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट के 1 नवंबर, 2021 के फैसले को बरकरार रखा है जिसमें तत्कालीन AIADMK के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा दिए गए वन्नियार समुदाय के लिए 10.5% आंतरिक आरक्षण को रद्द किया था।  सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ताओं ने दलील दी थी कि हाईकोर्ट का फैसला कानून में गलत था और राज्य विधायिका को एक समुदाय को मुख्यधारा में लाने के लिए कोटा प्रदान करने का अधिकार है।

Seema Sharma

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