मां-बाप की बदौलत ही बच्चे पहुंचते हैं आगे, मत करो उनका निरादर : सुप्रीम कोर्ट

Tuesday, Oct 13, 2020 - 12:45 PM (IST)

नेशनल डेस्क: बच्चों द्वारा मां बाप की अनदेखी की घटनाएं जैसे देश में आम ही हो गई है। मां-बाप से संपति लेकर उन्हें दर-दर ठोकरें खाने के लिए छोड़ दिया जाता है या फिर वृद्ध आश्रम में रहने के लिए मजबूर कर दिया जाता है। ऐसे ही मामलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई है। कोर्ट ने कहा कि बच्चों को यह नहीं भूलना चाहिए कि आज वह जो भी हैं, वो अपने मां बाप की बदौलत हैं।

 

जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने एक पिता की अपील पर सुनवाई करते हुए दो बेटों को जमकर लताड़ लगाई। पीठ ने कहा कि पिता की देखभाल करना बेटों का कर्तव्य है। आप अपने पिता के लिए कुछ भी नहीं कर रहे हैं, यह मत भूलिये कि आज आप जो भी हैं, वो अपने पिता की वजह है। इतना ही नहीं पिता की प्रॉपर्टी का इस्तेमाल करने पर भी पीठ ने बेटों को फटकार लगाई। 

 

पीठ ने कहा कि आप दोनों कैसे अपने पिता को बिना आर्थिक हिस्‍सेदारी दिए इसका उपभोग कर सकते हैं? दरअसल यह मामला दिल्ली का है। यहां दो बेटे अपने पिता को घर से बाहर निकाल कर उनके पुश्तैनी घर पर परिवार समेत रह रहे हैं। एक ट्रिब्‍यूनल ने पिछले साल बेटों को निर्देश दिया था कि वे अपने पिता को 7,000 रुपये जीवनयापन के लिए दें. लेकिन बेटों ने इस आदेश के खिलाफ कोर्ट में अपील की। अब पिता को मजबूरन सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे पर दस्तक देनी पड़ी।

vasudha

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