2002 गुजरात दंगा: PM मोदी को क्लीन चिट देने के खिलाफ याचिका पर टली सुनवाई

Monday, Dec 03, 2018 - 10:37 PM (IST)

नेशनल डेस्क:  उच्चतम न्यायालय ने जकिया जाफरी द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई सोमवार को जनवरी के तीसरे सप्ताह तक के लिए टाल दी है। जकिया ने इस याचिका में साल 2002 के गोधरा दंगों के सिलसिले में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा क्लीन चिट दिए जाने को चुनौती दी है। 

पूर्व सांसद एहसान जाफरी की पत्नी जकिया ने गुजरात उच्च न्यायालय की, पांच अक्टूबर 2017 को दी गई उस व्यवस्था को चुनौती दी है जिसमें एसआईटी के निर्णय के खिलाफ उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी। दंगों के दौरान एहसान जाफरी मारे गए थे। न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की एक पीठ ने मामले को जनवरी के तीसरे सप्ताह में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है।     


बता दें कि पिछले साल गुजरात हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट की नियुक्त एसआइटी की जांच रिपोर्ट में पीएम मोदी और 59 अन्य को क्लीनचिट दिए जाने के फैसले को बरकरार रखते हुए 2002 के गुलबर्ग सोसाइटी नरसंहार मामले में जाकिया जाफरी की याचिका को खारिज कर दिया था। साथ ही उन्हें आगे की जांच के लिए सर्वोच्च अदालत में जाने को निर्देशित किया था। जकिया जाफरी की याचिका को दिसंबर 2013 में मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की कोर्ट और 2017 में गुजरात हाईकोर्ट ने ठुकरा दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने जकिया की याचिका 13 नवंबर को मंजूर की थी। सुनवाई 19 नवंबर को तय हुई। 19 नवंबर को समय की कमी की वजह से इसे 26 नवंबर तक बढ़ाया गया। 

बता दें कि 27 फरवरी 2002 को गोधरा में साबरमती ट्रेन के कोच में आग लगा दी गई थी। इसमें 59 लोगों की मौत हो गई थी। मारे गए ज्यादातर लोग अयोध्या से लौट रहे कारसेवक थे। इस घटना के बाद गुजरात में दंगे भड़क गए थे। इनमें करीब 1000 लोगों की जान चली गई थी। गोधराकांड के अगले दिन 28 फरवरी 2002 को अहमदाबाद की गुलबर्ग सोसायटी में दंगाइयों ने कांग्रेस सांसद जाफरी समेत 69 लोगों की हत्या कर दी थी। घटना के बाद सोसायटी से 39 लोगों के शव मिले थे।
 

vasudha

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