ये है सुकमा नक्सली हमले का मास्टरमाइंड 'हिडमा'

Tuesday, Apr 25, 2017 - 04:25 PM (IST)

नई दिल्लीः सुकमा में सीआरपीएफ जवानों पर हुए हमले को अंजाम देने वाले मास्टर माइंड की पहचान हो गई है। नक्सली कमांडर हिडमा ने इस हमले को अंजाम दिया था। हिडमा काफी दिनों से सक्रिय है। मार्च में सुकमा के भेजी में हुए सीआरपीएफ के जवानों पर हमले में भी वो शामिल था। तब 12 जवान शहीद हुए थे। खुफिया एजेंसियों के मुातबिक नक्सली कमांडर हिडमा केी लोकेशन का सही पता अब तक नहीं लगा पाया है क्योंकि वह बार-बार इन इलाकों में अपनी पोजिशन बदलता रहता है।

कौन है हिडमा?
मडवी हिडमा उर्फ हिडमन्ना की उम्र 25 साल है। सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक वह सुकमा में जंगरगुंडा इलाके के पलोडी गांव का रहने वाला है। इस इलाके में उसे हिडमालु, और संतोष के नाम से भी जाना जाता है। बीते करीब एक दशक के दौरान उसका खौफ इस कदर फैला कि अब वो इस इलाके का मोस्ट वॉन्टेड नक्सली है। पुलिस ने उसपर 25 लाख रुपए का ईनाम रखा है।

माना जाता है कि गुरिल्ला लड़ाई में उसे महारत हासिल है। यही वजह है कि उसे पीपल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) की बटालियन-1 का कमांडर बनाया गया है। इस बटालियन के तहत नक्सलियों की तीन यूनिट्स काम करती है। ये बटालियन सुकमा और बीजापुर में सक्रिय है, इसके अलावा हिडमा माओवादियों की दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (डीकेएसजेडसी) का भी सदस्य है।

हाल ही में सुकमा से कनाडा के एक सैलानी को अगवा करने के पीछे भी हिडमा का ही हाथ बताया जाता है। माना जाता है कि 2010 में चिंतलनार में हुए हमले के पीछे भी हिडमा का ही दिमाग था, इसमें 76 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए थे। इसके अलावा 2013 में झीरम घाटी में कांग्रेसी नेताओं के काफिले पर हुए हमले में भी हिडमा शामिल था। खूफिया एजेंसियों के मुताबिक ओडिशा और आंध्र प्रदेश की सीमा के नजदीक होने के कारण नक्सली हमलों को अंजाम देने के बाद आसानी से दूसरे राज्यों में जाकर छिप जाते हैं इसलिए पकड़ में नहीं आते।

Advertising