इलाज के लिए तड़पती रही 4 साल की सुहानी ... नहीं पसीजा सामने खड़े 'भगवान' का दिल

Saturday, Jun 15, 2019 - 12:37 PM (IST)

नई दिल्ली: 70 किलोमीटर का सफर तय करके अपनी चार साल की पोती का इलाज करवाने पहुंचे बुजुर्ग तीमारदार को दिल्ली में निराशा हाथ लगी। अच्छा इलाज और बेहतर सुविधा की कल्पना लेकर दिल्ली के अस्पताल में तीमारदार को अपनी पोती को लेटाने के लिए स्टै्रचर तक मयस्सर नहीं किया गया । 

इलाज के लिए इधर-उधर भटकते रहे बुजर्ग
तीमारदार अपने लिए लाए चटाई पर अपनी पोती को लेटाकर सुबह नौ बजे से इलाज के लिए इधर से उधर भटक रहे थे। यह हालात दिल्ली के लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल का है, जहां पर एक दिन के हड़ताल की वजह से कई मरीजों को समस्याओं का सामना करना पड़ा। हड़ताल के चलते डॉक्टर मरीजों की परेशानियों को सुनने को राजी नहीं थे। अपनी पोती के इलाज के लिए डॉक्टर के पास जाते, तो उन्हें सिर्फ इतना ही सुनने को मिला कि आज हम कोई काम नहीं करेंगे। क्योंकि हम हड़ताल पर है। 

डाक्टरों के सामने तड़पती रही बच्ची
4 साल की सुहानी बाहर तड़पती रही लेकिन डॉक्टरों ने उसकी मरहम पट्टी तक नहीं की। सुबह 9 बजे से अपनी पोती को लेकर बैठी दादी यही सोचती रही कि कोई डॉक्टर आएगा और मरहम पट्टी करेगा लेकिन 2 बजे तक कोई नहीं आया। पार्वती का कहना है कि गेट पर ही गार्ड ने माना कर दिया कहा आज इलाज नहीं होगा। उसके बाद में किसी तरह से अंदर चली गई और डॉक्टर से मिली तो डॉक्टर ने कहा कि आज पर्टी नहीं बदली जाएगी। 

सुहाना के दिमाग में भर गया था पानी 
4 साल की सुहाना के दिमाग में पानी भर गया था जिसका इलाज लोकनायक अस्पताल में चल रहा था आज डॉक्टर ने बच्ची की हालत देखने को बुलाया था। लेकिन आज भर्ती नहीं किया । बच्ची के सर से लगातार पानी बाहर निकाल रहा है। सिर्फ बच्ची लिक्विड पर जिंदा है।  लिक्विड भी उसे पाइप के द्वारा दिया जा रहा है। ऐसे हलात में बच्ची को इंमरजेंसी में भी एडमिट नहीं किया गया। ऐसी हलात में बाहर पड़ी हुई थी । 

Anil dev

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