एक नजर ऐसे मौके पर जब PM मोदी की आंखों से निकले आंसू

Thursday, Jun 29, 2017 - 03:16 PM (IST)

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज गुजरात दौरे पर है। मोदी ने अहमदाबाद में साबरमती आश्रम में महात्मा गांधी के आध्यात्मिक गुरू श्रीमद राजचंद्रजी के नाम पर एक सिक्का और डाक टिकट जारी किया। साबरमती आश्रम के 100 वर्ष तथा श्रीमद राजचंद्रजी की 150 वीं जयंती के मौके पर गौशाला मैदान में आयोजित समारोह में मोदी ने ‘साबरमती शताब्दी एक कार्यांजलि’ नाम के पुस्तक का विमोचन भी किया जिसमें 100 वर्ष में आश्रम के कार्यों का लेखा-जोखा है। इस दौरान उन्होंने समारोह में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि  देश में भीड़ के द्वारा लगातार हो रही घटनाओं और गाय के नाम पर हो रही हत्याएं सबसे ज्यादा पीड़ादयाक है। उन्होंने कहा कि गौरक्षा के नाम पर किसी इंसान की हत्या करना गलत है। इस दौरान मोदी भावुक भी हुए। हालांकि यह पहला मौका नहीं है जब मोदी भावुक हुए हो, इससे पहले कई ऐसे किस्सों को याद करके मोदी की आंखें नम हो गई थीं।

मई 2014: प्रधानमंत्री बनने से पहले मोदी के लिए गुजरात विधानसभा में विशेष सत्र रखा गया था, इसमें मोदी ने विदाई भाषण में विपक्ष की भी तारीफ की थी जब विपक्ष के नेता उन्हें शुभकामनाएं दे रहे थे, तब मोदी भाषण देते हुए भावुक हो गए थे।

मई 2014: लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद संसद के सेंट्रल हाल में लालकृष्ण आडवाणी के बयान (नरेंद्र भाई ने कृपा की) का जिक्र करते हुए मोदी के आंसू छलक पड़े थे। उस समय रोते हुए मोदी ने कहा था कि आडवाणी कृपा शब्द का प्रयोग न करें, मां की सेवा कभी कृपा नहीं होती मेरे लिए भाजपा मां के समान है।

सितंबर 2015: अमेरिका यात्रा के दौरान जब मोदी फेसबुक हेडक्वॉर्टर में मार्क जुकरबर्ग के सवालों के जवाब दे रहे थे, तब अपनी मां से संबंधित सवाल का जवाब देते वक्त उनकी आंखें भर आई थीं। मोदी ने इस दौरान अपनी मां के संघर्ष के बारे में बताया था, जब वे भावुक हुए थे। उन्होंने हा था कि उनकी मां ने दूसरों के घरों
 में काम करके उन्हें पाला-पोसा।

मई 2015: मोदी प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी बंगाल दौरे के समय पहली बार बेलूर मठ गए थे। वहां जब उनके लिए स्वामी विवेकानंद का कमरा खोला गया तो वे भावुक हो उठे थे। गौरतलब है कि मोदी जब युवावस्था में साधु बनना चाहते थे, तब इसी मठ ने तीन बार उनकी अपील को नामंजूर कर दिया था।

8 नवंबर 2016: नोटबंदी के बाद 13 नवंबर को गोवा में भाषण देते नरेन्द्र मोदी भावुक हो गए। बोले- मैंने घर-परिवार, सब देश के लिए छोड़ दिया। यह बोलते वक्त मोदी को बमुश्किल अ में पने आंसू रोक पाए थे।

जनवरी 2016: बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह के दौरान छात्र रोहित वेमुला की मौत का जिक्र करते वक्त भी पीएम मोदी भावुक हो गए थे। मोदी ने कहा था कि एक मां ने अपना बेटा खोया है, वह इसका दर्द समझते हैं।

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