प्यार की ऐसी मिसाल, हाथों में हाथ डाल किया 70 साल की मोहब्बत का अंत, कपल ने अपनाया इच्छामृत्यु का रास्ता

Thursday, Feb 15, 2024 - 12:53 PM (IST)

नेशनल डेस्क: प्यार एक ऐसा एहसास जो आखिरी सांस तक आपके साथ रहता है। अगर आपने भी किसी से सच्चा प्यार किया होगा तो आप भी यही चाहते होंगे कि आपके जब भी प्राण निकले तो हाथों में उस शख्स का हाथ हो ताकि आप सुकून से मर सकें। हमारे सामने आज एक ऐसी ही अमर प्रेम कहानी है जिसे पढ़कर आपकी आंखों में आंसू आ जाएंगे। आइए जानते हैं इस अद्भुत प्रेम कहानी की दास्तान को।



नीदरलैंड के पूर्व प्रधानमंत्री ड्राइस वेन एग्त और उनकी पत्नी यूजीन ने 93 साल की उम्र में इच्छु मृत्यु से दुनिया को अलविदा कह दिया है। कपल का उनके होमटाउन निजमेगेन में निधन हुआ है। दोनों पति-पत्नी की 'हाथ में हाथ डालकर' कानूनी इच्छामृत्यु से मौत हो गई है। बता दें कि दोनों ने 5 फरवरी को कानूनी तौर पर इच्छामृत्यु (एक्टिव यूथेनेसिया) चुनी थी। एग्ट और उनकी पत्नी दोनों मरने से पहले कुछ समय से बिगड़ते स्वास्थ्य से परेशान थे। इस वजह से दोनें ने इच्छा मृत्यु (एक्टिव यूथेनेसिया) के जरिए  अपने प्राणों को त्यागने का फैसला कर लिया। 

ड्राइस 1977 में देश के प्रधानमंत्री बने थे 
ड्राइस वैन एग्ट 1977 और 1982 के बीच नीदरलैंड के प्रधानमंत्री थे। वह नीदरलैंड की क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक अपील पार्टी के पहले नेता थे। एक रिपोर्ट के मुताबिक, एग्ट को साल 2019 में ब्रेन हैमरेज भी हुआ था। इसके बाद वह कभी पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाई। दोनों पति-पत्नी बीमार थे, उनके लिए चलना फ‍िरना भी मुश्क‍िल हो गया था। दोनों एक दूसरे के बगैर नहीं रह सकते थे। इसील‍िए दोनों ने एक साथ इच्‍छामृत्‍यु को चुना। ड्राइस ने जिस राइट्स ग्रुप की स्थापना की थी, उसी ने कपल की मौत की जानकारी दी है।

बयान में कहा गया है, 'परिवार से विचार विमर्श करने के बाद हम ये घोषणा करते हैं कि हमारे संस्थापक और अध्यक्ष ड्राइस वेन एग्त का सोमवार, 5 फरवरी को उनके होमटाउन निजमेगेन में निधन हो गया है। उनकी मौत उनकी पत्नी यूजीन वेन एग्त-क्रेकेलबर्ग के साथ हाथों में हाथ डाले हुई। दोनों 70 साल से अधिक वक्त से साथ रहे। वो उन्हें हमेशा 'माय गर्ल' बुलाया करते थे। अंतिम संस्कार प्राइवेटली हुआ है। वेन एग्त और उनकी पत्नी दोनों 93 साल के थे।' 



क्या हैं इच्छा मृत्यु के नियम?
नीदरलैंड में साल 2000 में इच्छा मृत्यु को कानूनी मान्यता मिल गई थी। इसके तहत वो शख्स इसकी मांग कर सकता है, जो लाइलाज बीमारी से पीड़ित हो या सेहत में सुधार की कोई उम्मीद न बची हो। वहीं इस कपल ने 68 साल तक साथ रहने के बाद इस तरह मौत को गले लगाने का फैसला लिया था। इन्होंने खुद अपनी मौत का दिन और वक्त चुना। तब डॉक्टर्स का पैनल भी मौजूद रहा। ड्राइस को इजरायल का विरोधी और फिलीस्तीन के कट्टर समर्थक को रुप में भी जाना जाता है। उन्होंने अपने राइट्स फोरम की स्थापना भी फिलीस्तीन के लोगों के लिए ही की थी। इसी वजह से उनका काफी विरोध भी होता था। उन्हें 2019 में ब्रेन हेमरेज हुआ था। इससे पहले साल 2017 में उन्होंने पार्टी ही छोड़ दी थी।

एक हजार लोग ने चुना इच्छामृत्यु का रास्ता
रिपोर्ट के मुताबिक एग्ट और उनकी पत्नी यूजीन को आसपास की कब्रों में दफनाया गया। बता दें कि नीदरलैंड में डुओ यूथेनेसिया या इंजेक्शन देकर इच्छामृत्यु का चलन बढ़ रहा है। नीदरलैंड में हर साल लगभग 1,000 लोग मौत के लिए इच्छामृत्यु चुनते हैं। वहीं, अकेले साल 2022 में 29 जोड़ों ने इच्‍छामृत्‍यु का विकल्प चुना।



साल 2000 में यूथेनेसिया को मिली थी कानूनी मान्यता 
नीदरलैंड में साल 2000 में यूथेनेसिया को कानूनी मान्यता मिली थी। इस कानून के तहत पीड़ित व्यक्ति छह स्थितियों में इच्छामृत्यु मांग सकता है। इसमें वो लोग शामिल हें जो "ऐसी बीमारी से पीड़ित हों, जिसमें असहनीय पीड़ा हो, जो लाइलाइज हो या उसकी सेहत में सुधार की कोई गुंजाइश नहीं बची हो।"

 

 

Mahima

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