भारतीय नौसेना की बढ़ेगी ताकत, मिली दुनिया की सबसे घातक सबमरीन

Friday, Sep 22, 2017 - 11:09 AM (IST)

 मुंबई: भारतीय नौसेना को पोत निर्माण इकाई मजगांव डॉक लिमिटेड (एमडीएल) ने स्कॉर्पीन श्रेणी की छह पनडुब्बियों में से पहली सबमरीन 'कलवारी' सौंप दी है।  नौसेना के अधिकारी ने बताया कि यह भारतीय नौसेना के पनडुब्बी कार्यक्रम में मील का पत्थर है क्योंकि यह पोत भारत समुद्री शक्ति को काफी मजबूत कर सकता है।  एमडीएल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘पहली स्कॉर्पीन पनडुब्बी कलावारी को भारतीय नौसेना को सौंपने के साथ ही एमडीएल में इतिहास रच दिया गया।’’  इन पनडुब्बियों को फ्रांसीसी नौसेना रक्षा और ऊर्जा कंपनी डीसीएनएस ने डिजाइन किया है। भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट-75 के तहत इनका निर्माण मुंबई में एमडीएल द्वारा किया जा रहा है। 

यह पनडुब्बी कर सकती है एंटी शिप मिसाइलों से हमले
यह पनडुब्बी दुश्मन की नजरों से बचकर सटीक निशाना लगा सकती है। ये टॉरपीडो और एंटी शिप मिसाइलों से हमले कर सकती है। अब स्कॉर्पिन सीरिज की कुल 6 पनडुब्बियां देश में बनाने का प्लान है। कलवरी का नाम टाइगर शार्क पर रखा गया है। कलवरी के बाद दूसरी पनडुब्बी खंदेरी की समुद्र में मूवमेंट जून में शुरू हो गई थी। अगले साल इसे भारतीय नौसेना में शामिल किया जाएगा। तीसरी पनडुब्बी वेला को इसी साल पानी में उतारा जाएगा। 

क्या है खासियत
'कलवरी' डीजल और इलेक्ट्रिक पनडुब्बी है। इसमें लगे विशेष तकनीक 'निर्देशित शस्त्र' दुश्मन पर सटीक हमला करने में सक्षम है। टॉरपीडो के साथ हमलों के अलावा इससे पानी के अंदर भी हमला किया जा सकता है। साथ ही सतह पर पानी के अंदर से दुश्मन पर हमला करने की खासियत भी इसमें है। 

फ्रांस की कंपनी डीसीएनएस के साथ तैयार किया
'कलवरी' को मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने फ्रांस की कंपनी डीसीएनएस के साथ मिलकर तैयार किया है। 'कलवरी' को मुंबई स्थित मझगांव डॉकयार्ड में बनाया गया है। फ्रांसीसी कंपनी ने इसकी डिजाइन तैयार की और इसके लिए टेक्नोलॉजी भी मुहैया कराई।

Advertising