दिवाली समारोह के लिए जामिया मिल्लिया इस्लामिया में एकत्र हुए छात्रों को हिरासत में लिया गया
punjabkesari.in Wednesday, Oct 23, 2024 - 10:18 PM (IST)
नेशनल डेस्क : दिल्ली पुलिस ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया में दिवाली समारोह के लिए एकत्र हुए करीब आधा दर्जन विद्यार्थियों को बुधवार को हिरासत में ले लिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एक दिन पहले इसी तरह के समारोह के दौरान विद्यार्थियों के दो समूहों के बीच झड़प हो गयी थी। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि विद्यार्थियों को इसलिए हिरासत में लिया गया क्योंकि विश्वविद्यालय प्रशासन ने कल (मंगलवार) रात हुई झड़प के मद्देनजर आज (बुधवार) शाम को एक और दिवाली कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति नहीं दी थी। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू), दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) और अन्य संस्थानों के अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़े लगभग 30-40 विद्यार्थी बुधवार को ‘दीप महोत्सव' मनाने के लिए विश्वविद्यालय के बाहर एकत्र हुए थे।
पुलिस ने विश्वविद्यालय से अनुमति नहीं प्राप्त होने के कारण उन्हें वहां से चले जाने को कहा। अधिकारी ने बताया, “एबीवीपी से जुड़े कुछ छात्र विश्वविद्यालय के बाहर एकत्र हुए लेकिन पुलिस ने उन्हें बार-बार जाने के लिए कहा। हालांकि, एबीवीपी समर्थक दिवाली मनाने पर अड़े रहे। इस बीच, पुलिस ने उन्हें हटाने के लिए हल्का बल प्रयोग किया।” अधिकारी ने बताया कि बुधवार को फिर से कार्यक्रम आयोजित करने के लिए विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय से अनुमति नहीं मिली थी। जामिया में मंगलवार को दिवाली समारोह के दौरान छात्रों के दो समूहों के बीच झड़प हुई जिसके बाद एहतियात के तौर पर परिसर के द्वार के बाहर पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि घटना मंगलवार रात को हुई लेकिन इस संबंध में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई। दिवाली कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय कला मंच (आरकेएम) ने किया था, जो राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ समर्थित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़ा है।
इस बीच, जामिया अल्पसंख्यक संघ ने घटना की आलोचना की और विश्वविद्यालय में अल्पसंख्यक हिंदू विद्यार्थियों पर कथित रूप से बढ़ते हमलों पर चिंता जताई। उन्होंने विश्वविद्यालय से मामले की जांच शुरू कर अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की। संघ ने एक बयान में कहा, “मंगलवार शाम को जामिया में शांतिपूर्ण दीपोत्सव समारोह के दौरान विद्यार्थी (मुस्लिम छात्रों सहित) खुशी से हिस्सा ले रहे थे लेकिन कार्यक्रम के अंत में बाहरी लोगों के साथ असामाजिक तत्वों के एक समूह ने ‘फलस्तीन जिंदाबाद' और ‘अल्लाह हू अकबर' जैसे नारे लगाने शुरू कर दिए।” बयान के मुताबिक, “यह ध्यान रखना बेहद जरूरी है कि विश्वविद्यालय में ऐसी घटनाएं नयी नहीं हैं। पहले भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं और पुलिस या विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा कोई निर्णायक कार्रवाई नहीं की गई।” बयान में इस तरह की पिछली घटनाओं का भी जिक्र किया गया।
बयान के मुताबिक, “हम, जेएमआई के अल्पसंख्यक पूर्व छात्र संघ, गैर-मुस्लिम विद्यार्थियों की सुरक्षा और साथ ही परिसर में अपने सांस्कृतिक व धार्मिक अधिकारों को लेकर बेहद चिंतित हैं।” संघ ने विश्वविद्यालय प्रशासन से पीड़ित विद्यार्थियों की शिकायतों को दूर करने के लिए एक निकाय बनाने की भी मांग की। जामिया मिल्लिया इस्लामिया के कार्यवाहक कुलपति मोहम्मद शकील से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने संदेशों और फोन कॉल का कोई जवाब नहीं दिया। पुलिस के अनुसार, छात्रों के एक समूह ने दिवाली समारोह में बाधा डाली जिसके बाद दोनों समूह के बीच झड़प हुई। विश्वविद्यालय के सुरक्षाकर्मियों के हस्तक्षेप के बाद स्थिति पर काबू पाया गया और छात्र वहां से चले गए। कुछ ऐसे कथित वीडियो सोशल मीडिया में आए हैं जिनमें परिसर के अंदर छात्र ‘‘सांप्रदायिक'' नारे लगा रहे हैं। एक अधिकारी ने बताया कि विश्वविद्यालय के अंदर तनाव की सूचना मिलने के बाद एहतियात के तौर पर गेट के बाहर और परिसर के आसपास पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया।
एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि स्थानीय पुलिस को परिसर के आसपास निगरानी बढ़ाने को कहा गया है। एबीवीपी के राष्ट्रीय मीडिया संयोजक आशुतोष सिंह के अनुसार इस घटना का छात्रों पर कोई असर नहीं पड़ा है। उन्होंने कहा, ‘‘शैक्षणिक संस्थानों में सभी त्योहार मनाने की आजादी होनी चाहिए। यदि परिसर में इफ्तार पार्टी आयोजित की जा सकती है तो दिवाली समारोह की भी अनुमति दी जानी चाहिए। हमें इस कार्यक्रम (जो मंगलवार शाम को आयोजित किया गया था) के लिए प्रॉक्टर कार्यालय से अनुमति मिली थी।'' सिंह ने कहा, ‘‘वहां मुस्लिम छात्रों के अलावा अन्य छात्र भी हमारे साथ उत्सव मना रहे थे लेकिन कुछ कट्टरपंथी तत्व वहां आ गए और मारपीट की।'' उन्होंने आरोप लगाया कि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए विश्वविद्यालय ने हिंसा को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। सिंह ने कहा कि एबीवीपी इस मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज कराएगी।