महाराष्ट्र में अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे बधिर युवकों पर लाठीचार्ज

Tuesday, Feb 26, 2019 - 12:38 AM (IST)

पुणे: पुणे में सोमवार को अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे बधिर युवकों पर पुलिस ने कथित तौर पर लाठीचार्ज किया, जिसमें कुछ लोग घायल हो गए। प्रदर्शन के आयोजकों ने कई बधिर युवकों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज करने का आरोप लगाया है, जबकि पुलिस का दावा है कि उसने प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए ‘हल्का बलप्रयोग’ किया। राज्य स्तरीय बधिर संघ (एसएलएडी) के सचिव प्रदीप मोरे ने दुभाषिया के माध्यम से बताया कि सोमवार दोपहर पुणे में समाज कल्याण आयुक्तालय के सामने 11000 से अधिक बधिर युवक एकत्रित हुए थे तभी यह घटना हुई।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस घटना पर पुलिस से रिपोर्ट मांगी है। विपक्षी नेताओं ने प्रदर्शनकारियों पर कथित रूप से हुए लाठीचार्ज को लेकर भाजपा नीत सरकार पर निशाना साधा है। मुंबई में एक अधिकारी ने कहा कि फडणवीस ने सोमवार रात पुणे के पुलिस आयुक्त से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी है। अधिकारी ने कहा, ‘फडणवीस ने पुणे के पुलिस आयुक्त से दिव्यांगों के मार्च पर कथित लाठीचार्ज के बारे में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।’

मुख्यमंत्री ने अपने कैबिनेट सहयोगी दिलीप कांबले से इस पर नजर रखने के लिए कहा है। विपक्षी कांग्रेस और राकांपा ने पुलिस की कार्रवाई की आलोचना की है। प्रदर्शनकारियों की मांगों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, बधिर छात्रों के लिए प्रशिक्षित दुभाषियों का प्रावधान और पात्रता नहीं रखने वाले लोगों को दिव्यांगता प्रमाणपत्र का गलत वितरण रोकना शामिल है। उन्होंने आरोप लगाया, ‘जब हमने रैली निकालनी चाही तब पुलिस ने लाठीचार्ज का आदेश दिया जिसमें कई प्रदर्शनकारी घायल हो गए। उन्होंने कुछ युवकों को भी हिरासत में लिया है।’

बंड गार्डन पुलिस थाना से एक अधिकारी ने दावा किया कि वहां जमा युवा रैली निकालने की कोशिश में सड़क जाम कर रहे थे जबकि उन्हें सिर्फ धरना-प्रदर्शन की इजाजत मिली थी। अधिकारी ने कहा, ‘हमने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए उन पर हल्का बलप्रयोग किया।’ मोरे ने दावा किया कि राज्य में 18 लाख बधिर युवाओं को अगर अधिकारियों से उनकी मांगों के समर्थन में आश्वासन नहीं मिलता तो उन्होंने आगामी लोकसभा चुनावों में मतदान नहीं करने का फैसला किया है। इस बीच बारामती से सांसद सुप्रिया सुले ने पुलिस की लाठीचार्ज को ‘शर्मनाक’ बताया है और इसे लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस पर निशाना भी साधा है क्योंकि राज्य के गृह विभाग का प्रभार मुख्यमंत्री के ही पास है।

राकांपा नेता ने कहा,‘शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे दिव्यांग युवकों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया है। मुख्यमंत्री को ऐसा करने का कोई अधिकार नहीं है। उन्हें तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए।’ महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता कांग्रेस के राधाकृष्ण विखे पाटिल ने पुलिसिया कार्रवाई की निंदा की और कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार को प्रदर्शनकारियों से माफी मांगनी चाहिए और उनकी सभी मांगों को मान लेना चाहिए।

shukdev

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