स्टैचू ऑफ यूनिटी: सरदार पटेल के परिवार ने कहा - PM मोदी ने बड़ा काम किया
Wednesday, Oct 31, 2018 - 07:17 PM (IST)
केवडिय़ा (गुजरात): सरदार वल्लभाई पटेल के परिवार के सदस्यों ने ‘स्टैचू ऑफ यूनिटी’ को ‘भारत के लौह पुरुष’ को ‘यथोचित श्रद्धांजलि’ करार देते हुए बुधवार को कहा कि इससे युवा पीढी को उनके जीवन के बारे में जानने में मदद मिलेगी और पूववर्ती सरकारों द्वारा यह बहुत पहले किया जाना चाहिए था। सरदार पटेल के बड़े भाई सोमाभाई पटेल के पोते धीरूभाई पटेल ने कहा,‘सरदार पटेल के लिए कांग्रेस ने ऐसा कुछ भी नहीं किया।
प्रतिमा देश में उनके योगदान के लिए एक यथोचित श्रद्धांजलि है।’कार्यक्रम में धीरूभाई (91) विशेष तौर पर आमंत्रित थे जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सरदार पटेल की 143 वीं जयंती के अवसर पर बुधवार सुबह नर्मदा जिले में उनकी 182 मीटर लंबी प्रतिमा का अनावरण किया जो दुनिया में सबसे लंबी है। धीरूभाई के अलावा समारोह में वल्लभभाई पटेल के विस्तारित परिवार के 35 अन्य सदस्य भी शामिल हुए। धीरूभाई अपने परिवार के साथ वड़ोदरा में रहते हैं।
सरदार पटेल के छोटे भाई की पोती मृदुला ने कहा कि मुझे ऐसा लगा जैसे सरदार पटेल हमारी जिंदगी में वापस आ गए। पूरी दुनिया देख रही है,हम काफी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं और काफी खुश हैं, पीएम मोदी ने बड़ा काम किया है।
स्वतंत्र भारत के पहले गृहमंत्री सरदार पटेल को भारत संघ में 550 रजवाड़ों को शामिल करने का श्रेय दिया जाता है। उन्होंने नवाब के शासन वाले जूनागढ़ और निजाम के शासन वाले हैदराबाद राजवाड़ों को अपने विशेष प्रयास से भारत संघ में शामिल कर लिया। दोनों रजवाड़ा अपने राज्यों का विलय भारत संघ में नहीं करना चाहते थे। परिवार के एक अन्य वरिष्ठ सदस्य 80 वर्षीय भूपेन्द्र पटेल ने कहा कि प्रतिमा युवा पीढ़ी को सरदार के योगदानों के बारे में याद दिलाती रहेगी। आणंद जिले में वल्लभ विद्यानगर में रहने वाले भूपेन्द्र ने कहा, ‘वे सरदार पटेल से प्रेरणा लेंगे।’
मुंबई में रहने वाले व्यापारी और धीरूभाई के दामाद शैलेश पटेल कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोगों में शामिल थे। उन्होंने कहा,‘यह (प्रतिमा) काफी पहले बन जानी चाहिए थी। यह बहुत पहले किया जाना चाहिए था। प्रतिमा एकता और राष्ट्र को एक करने में सरदार की भूमिका का संदेश प्रसारित करेगी।’सरदार पटेल स्मारक ट्रस्ट के संस्थापक सचिव हसमुख पटेल भी समारोह में विशेष रूप से आमंत्रित थे। उन्होंने कहा कि सरदार की प्रतिमा बनाना एक ‘अच्छा निर्णय’ था।