दहेज उत्पीड़न में सजा हो सकती है तो तीन तलाक में क्यूं नहींः सुशील मोदी

Friday, Dec 29, 2017 - 11:25 AM (IST)

पटनाः भाजपा नेता व बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने लोकसभा में तीन तलाक का बिल पास होने पर अपना बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि देश की 9 करोड़ मुस्लिम महिलाओं को सामाजिक प्रताड़ना से मुक्ति दिलाने के लिए राजनीतिक नफा-नुकसान की फिक्र किए बिना एनडीए सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर तीन तलाक प्रथा का पुरजोर विरोध किया था। 

22 अगस्त 2017 के ऐतिहासिक फैसले में न्यायालय ने इस अन्याय को गैरकानूनी बताया था। सरकार ने तीन तलाक पर लोकसभा में बिल पास कर मुस्लिम महिलाओं से वादा निभाया। सुशील मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि जब दहेज उत्पीड़न में सजा हो सकती है तो तीन तलाक में क्यूं नहीं।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि 1986 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने लोकसभा में कांग्रेस के प्रचंड बहुमत का दुरुपयोग कर तलाकशुदा शाहबानों को गुजारा भत्ता देने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को बेअसर कर दिया था। 31 साल बाद राहुल गांधी तीन तलाक को दंडनीय अपराध घोषित करने वाले बिल का समर्थन कर अपने पिता के राजनीतिक अपराध का प्रायश्चित कर सकते हैं। 

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