स्टार9 मोबिलिटी को मिलेगी पवन हंस की कमान, खरीदेगी 51 प्रतिशत हिस्सेदारी

punjabkesari.in Friday, Apr 29, 2022 - 09:43 PM (IST)

नई दिल्लीः सरकार हेलीकॉप्टर सेवायें प्रदान करने वाली कंपनी पवन हंस लिमिटेड में अपनी 51 प्रतिशत हिस्सेदारी 211 करोड़ रुपये में स्टार 9 मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड को बेचेगी। आर्थिक मामलों की समिति द्वारा उच्चाधिकार प्राप्त मंत्रियों के समूह ने इस मंजूरी प्रदान कर दी है। इस समिति में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया शामिल थे। इस समिति ने पवन हंस में सरकार की 51 प्रतिशत नियंत्रक हिस्सेदारी 211.14 करोड़ रुपये में स्टार 9 मोबिलिटी को देने को अनुमोदित कर दिया है।

पवन हंस सरकार और तेल एवं गैस क्षेत्र की सरकारी कंपनी तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम( ओएनजीसी) लिमिटेड की हिस्सेदारी वाली कंपनी है। इसमें सरकार की 51 प्रतिशत और ओएनजीसी की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है। ओएनजीसी भी सफलतापूर्वक बोली लगाने वाले को अपनी हिस्सेदारी देने का निर्णय ले चुकी है। ओएनजीसी भी सरकार के विनिवेश से मिलने वाली कीमत पर हिस्सेदारी देगी।

आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने अक्टूबर 2016 में पवन हंस में सरकार की पूरी हिस्सेदारी का विनिवेश करने को अनुमोदित किया था। इसके लिए पहले तीन बार बोलियां आमंत्रित की गई। आठ दिसंबर 2020 को आमंत्रित किये गये इच्छा पत्र के राउंड में चार बोलीकर्ताओं को सफल बोली योग्य पाया गया जिसमें से तीन ने वित्तीय बोली लगाई। इसके लिए आरक्षित मूल्य 199.92 करोड़ रुपये तय किया गया था।

स्टार9 मोबिलिटी से सबसे अधिक 211.14 करोड़ रुपये की बोली लगाई। दो अन्य कंपनियों की बोली इससे बहुत कम थी। इसलिए सरकार ने स्टार 9 मोबिलिटी का चयन किया है। अब इस विनिवेश के लिए वित्तीय लेनदेन होना शेष रह गया है। इसके बाद पवन हंस का मालिकाना हक स्टार9 मोबिलिटी के हवाले कर दिया जायेगा। पवन हंस के पास अभी 42 हेलीकॉप्टर है जिसमें 41 उसके अपने हैं। ये हेलीकॉप्टर औसत 20 वर्ष पुराने हो चुके हैं।

क्या करती है पवन हंस
पवन हंस भारत की सबसे बड़ी हेलीकॉप्टर सेवाएं देने वाली कंपनी है. इसके पास करीब 42 हेलीकॉप्टर हैं। पवन हंस की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, कंपनी हेलीकॉप्टर के अलावा अपने हेलीपोर्ट और हेलीपैड बना रही है। इसके अलावा कंपनी सी प्लेन और छोटे हवाई जहाज चलाने की भी तैयारी कर रही है।

कंपनी के पास 10 लाख घंटों से ज्यादा की उड़ान का अनुभव है। कंपनी में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी पवन हंस लिमिटेड यानी सीधे भारत सरकार और 49 प्रतिशत हिस्सेदारी ओएनजीसी की है। ओएनजीसी अपने काम में पवन हंस के हेलीकॉप्टर ही इस्तेमाल करता है। सिविल उड़ानों के अलावा बीएसएफ के छह ध्रुव हेलीकॉप्टर्स को भी एचएएल के लिए पवन हंस ही चलाता है।

अब ऐसा क्या हुआ
साल 2015 में कंपनी ने 11 नए हेलीकॉप्टर और दो सीप्लेन खरीदने का प्रस्ताव सरकार को दिया था। साल 2017 में कंपनी का मुनाफा 38.8 करोड़ रुपये था। साल 2014 से 2016 के बीच पवन हंस ने 38 छोटी-बड़ी दुर्घटनाओं का सामना किया। पवनहंस के कई हेलीकॉप्टर क्रैश हुए।

साल 2011 में अरुणाचल प्रदेश के सीएम दोरजी खांडू भी पवन हंस के हेलीकॉप्टर में सवार थे जो क्रैश हो गया और उनकी मौत हो गई। ओएनजीसी के अधिकारियों को ले जा रहा हेलीकॉप्टर 2015 में क्रैश हो गया था। डीजीसीए के ऑडिट में पवन हंस के कई हेलीकॉप्टरों की हालत सही नहीं पाई गई। वो सुरक्षा मानकों पर खरा नहीं उतर रहे थे।


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Content Writer

Yaspal

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