डोकलाम विवादः सीमा पर  बदलाव की कोशिश में चीन !

Sunday, Aug 27, 2017 - 11:18 AM (IST)

बीजिंगः 16 जून 2017 से सिक्किम सैक्टर के डोकलाम में भारत-चीन सीमा पर दोनों देशों के बीच शुरू हुआ तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। भारत का मानना है कि चीन बॉर्डर पर स्टेटस-को (यथास्थिति) में बदलाव की कोशिश कर रहा है। आने वाले वक्त में डोकलाम जैसी घटनाएं बढ़ने की संभावना ज्यादा है। इस मुद्दे पर  भारत ने साफतौर पर कहा है कि बातचीत तभी हो सकती है जब चीन की सेना पीछे हट जाए जबकि चीन का कहना है कि भारत जबर्दस्ती उसकी सीमा में दाखिल हुआ है  । डोकलाम विवाद  में चीन के स्टेटस  बदलने की कोशिश चिंता की बात है। भारत-चीन बॉर्डर पर कई विवाद हैं। सभी अपने-अपने दावे करते हैं। ये सब इसलिए है क्योंकि लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) के एलाइनमेंट को लेकर दोनों पक्षों की सोच में फर्क है। 

चीनी काउंटरपार्ट्स के साथ फ्लैग मीटिंग के दौरान भारतीय आर्मी ने सुझाव दिया था कि दोनों पक्षों को  16 जून से पहले की स्थिति में वापस जाना चाहिए। लेकिन इस पर अमल नहीं किया गया।"  "फिलहाल मामले को डिप्लोमैटिक और पॉलिटिकल तरीके से सुलझाने की कोशिशें जारी हैं। वहीं, चीन तिब्बत में फोर्स डिप्लॉय कर रहा है और ड्रिल कर रहा है।" जानकारी के मुताबिक चीन पाकिस्तान, मालदीव्स, श्रीलंका और म्यांमार में डिफेंस और इकोनॉमिक पार्टनरशिप बढ़ा रहा है। पाक में वह चीन-पाक इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) के जरिए भारत की सॉवेरीनटी (संप्रभुता) को चैलेंज कर रहा है।"  

ये है डोकलाम विवाद की जड़?
ये विवाद 16 जून को तब शुरू हुआ था, जब इंडियन ट्रूप्स ने डोकलाम एरिया में चीन के सैनिकों को सड़क बनाने से रोक दिया था। हालांकि चीन का कहना है कि वह अपने इलाके में सड़क बना रहा है। इस एरिया का भारत में नाम डोका ला है जबकि भूटान में इसे डोकलाम कहा जाता है। चीन दावा करता है कि ये उसके डोंगलांग रीजन का हिस्सा है। भारत-चीन का जम्मू-कश्मीर से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक 3488 km लंबा बॉर्डर है। इसका 220 km हिस्सा सिक्किम में आता है।

 सुषमा स्वराज ने 21 जुलाई को संसद में कहा था, - "चीन लगातार वहां आता रहा है। कभी विकास के लिए कभी किसी और काम के लिए । लेकिन इस बार वे सीधे ट्राईजंक्शन प्वाइंट पर आ गए। कोई भी एकतरफा फैसला भारत की सुरक्षा व्यवस्था के लिए खतरा है। चीन के साथ सैन्य गतिरोध इसलिए बना हुआ है कि वह लगातार यह कह रहा है कि भारत अपनी आर्मी को वापस अपनी सीमा में बुलाए। चीन की बात मानना संभव नहीं है।  
 

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