घरवाले करना चाह रहे थे शादी, खबर आई बेटा हो गया शहीद

Saturday, Oct 15, 2016 - 03:39 PM (IST)

जयपुर: श्रीनगर में शुक्रवार शाम हुए आतंकी हमले में दौसा का सपुत घनश्याम गुर्जर शहीद हो गया। इस हमलें में देश के आठ जवान घायल हो गए और वही एक जवान शहीद हो गया। आज देर रात तक शहीद घनश्याम का शव उसके पैतृक गांव में पहुंचने की संभावना है। ऐसे में परिजनों को रो-रोकर बुरा हाल है। घनश्याम के शहीद होने पर परिजनों को दुख है लेकिन गर्व इस बात का है कि देश के लिए उन्होने प्राण दे दिए। ऐसे में परिजनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग है कि वह शहीद की शहदत का बदला ले।

आतंकियों ने फायर किए 50-60 राउंड 
एसएसबी के जवान शुक्रवार शाम को कानून व्यवस्था की ड्युटी कर पुन लौट रहे थे। इसी दौरान निशात इलाके में करीब 4-5 आतंकवादियों ने एसएसबी के जवानों की बस पर हमला कर दिया। इस हमलें में एसएसबी के आठ जवान घायल हो गए और 59वीं बटालियन के जवान घनश्याम गुर्जर शहीद हो गया। घटना के समय जम्मू-कश्मीर पुलिस का ड्राइवर बस चला रहा था और बस भी जम्मू पुलिस ने ही उपलब्ध कराई थी। इस हमलें में आतंकियों ने 50-60 राउंड फायर किए तो जवाब में एसएसबी के जवानों ने 100 से अधिक फायर किए। इसके बाद आतंकी स्थानीय इलाके में फरार हो गए। 

परिजनों को रो-रोक बुरा हाल
इधर शहीद घनश्याम गुर्जर का शव देर रात तक दौसा आने की संभावना है। शहीद के पैतृक गांव खवारावजी के नई कोठी की ढाणी में परिजनों को रो-रोक बुरा हाल है।  अपने सपूत की शहादत का समाचार मिलते ही घर और गांव में शोक की लहर दौड़ गई। गांव के स्कूलों में छुट्टी कर दी गई और बाजार बंद हो गया। शहीद घनश्याम की दादी जनकी देवी और मां सुशीला को हाल बेहाल है और वे बेसूध है। घनश्याम के पांच भाई है जिनमें भगवान सहाय नामक भाई सीआरपीएफ का जवान है जो पटना में तैनात है। इसके अलावा घनश्याम अभी अविवाहित था। वर्तमान में शहीद घनश्याम के परिवार में दादी, पिता, मां सहित पांच भाई है। 

घरवाले करना चाह रहे थे शादी
बताया जा रहा है कि घनश्याम एक महीने की छुट्टी पर गांव आया हुए था। इस दौरान उसकी शादी के लिए उनके परिवार के लोग लड़की देख रहे थे। छुट्टियों के बीच ही घरवाले उसका रिश्ता पक्का करने की तैयारी में थे, लेकिन 27 सितंबर को उसे छुट्टी से बीच में ही वापस ड्यूटी पर बुला लिया गया। घनश्याम की लखनऊ में पोस्टिंग थी, लेकिन उरी में आतंकी हमले के बाद उसे कश्मीर भेजा गया, जहां पर आतंकी हमले में उनकी शहादत हुई।

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