पैसों की किल्लत दूर करेंगे जन्माष्टमी की रात किए गए ये काम

Friday, Aug 23, 2019 - 08:45 AM (IST)

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श्रीकृष्णाष्टमी का व्रत करने वालों के सब क्लेश दूर हो जाते हैं।  दुख-दरिद्रता से उद्धार होता है। जिन परिवारों में कलह-क्लेश के कारण अशांति का वातावरण हो, वहां घर के लोग दुख या क्लेश के निवारण के लिए श्रीकृष्ण का ध्यान करते हुए 11 बार निम्रलिखित मंत्र का जप एकाग्रचित होकर करना चाहिए- मंत्र : कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने। प्रणक्लेशनाशय गोविंदाय नमो नम।।

राशि के अनुसार, समस्त दुखों को हरता है सिर्फ एक कृष्ण मंत्र
मेष : ॐ विश्वरूपाय नम:
वृषभ : ॐ उपेन्द्र नम:
मिथुन : ॐ अनंताय नम:
कर्क : ॐ दयानिधि नम:
सिंह : ॐ ज्योतिरादित्याय नम:
कन्या : ॐ हिरण्यगर्भाय नम:
वृश्चिक : ॐ अच्युताय नम:
धनु : ॐ जगतगुरवे नम:
मकर : ॐ अजयाय नम:
कुंभ : ॐ अनादिय नम:
मीन : ॐ जगन्नाथाय नम:

घर की खोई हुई खुशियां वापिस लाने के लिए रात को अवश्य करें ये काम-
बाल गोपाल का शंख से अभिषेक करें।

 
चरणामृत, फल और छोटे बच्चों को प्रसन्न करने वाली वस्तुएं जैसे गोली-टॉफी, खिलौने व बांसुरी श्रीकृष्ण कोे भोग लगाने के बाद भक्तों में बांट दें। तुलसी महारानी भगवान श्रीकृष्ण की परमप्रिया हैं। वे उनके अभाव में कोई भी भोग स्वीकार नहीं करते इसलिए उन्हें कुछ भी अर्पित करने से पहले तुलसी के पत्तों को जरूर शामिल करें। 

जब श्रीकृष्ण बाल लीलाएं कर रहे थे तो उन्होंने गोपियों की खूब मटकियां फोड़ी थी। अपने सखाओं को भी खूब माखन खिलाया। कुछ भागवत कथा वाचक तो यहां तक कहते हैं की यशोदा मईया सुबह सबसे पहले अपने लला को माखन और मिश्री खिलाती थी। जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर कान्हा को माखन और मिश्री का भोग अवश्य लगाएं।

श्री कृष्ण को पीतांबर धारी कहा जाता है क्योंकि उन्हें पीला रंग बहुत प्रिय है। आज श्रीकृष्ण को पीले रंग के वस्त्र पहनाएं। उनके मस्तक पर मोर पंख सजाना न भूलें।


शुद्ध गाय के घी का चौमुखा दीपक तुलसी और श्रीराधाकृष्ण मंदिर में लगाएं। फिर वहीं बैठकर अपनी इच्छा के अनुसार ॐ नमो नारायणाय मंत्र का जाप करें।

तुलसी के पत्तों की माला श्रीकृष्ण को पहनाएं।
 

Niyati Bhandari

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