''स्पूतनिक-वी'' और कोवैक्सीन लगा चुके लोगों को अमेरिका-यूरोप जाने के लिए अभी करना होगा इंतजार

Monday, May 24, 2021 - 03:40 PM (IST)

नेशनल डेस्क: रूस की वैक्सीन 'स्पूतनिक-वी' और कोवैक्सीन (Covaxin) की दोनों डोज ले चुके जो भारतीय यूरोपीय देशों में जाने की योजना बना रहे हैं तो अभी उन्हे थोड़ा इंतजार करना पड़ सकता है। क्योंकि  विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से  इन दोनाें वैक्सीन को आपातकालीन यूज लिस्टिंग (EUL) में जगह नहीं दी गई है। 


वीसा के लिए टीके का प्रमाणपत्र जरूरी
दुनिया के प्रमुख देश WHO की इमरजेंसी यूज लिस्टिंग में शामिल वैक्सीन लगवाने वाले लोगों को ही वीसा दे रहे हैं। वीसा के लिए टीके का प्रमाणपत्र सभी देशों ने अनिवार्य कर रखा है। इनमें ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड जैसे देश भी शामिल हैं। अगर कोई वैक्सीन EUL की लिस्ट में नहीं है या फिर किसी विदेशी देश की तरफ से अप्रूव नहीं की गई है। ऐसी परिस्थिति में यात्री को नॉन-वैक्सीनेटेड माना जाएगा। ऐेसे में विदेश जाने वाले कई भारतीयों के सामने कई मुश्किलें खड़ी हो गई है। 

 

छात्रों की पढ़ाई में आ सकती है रूकावट
 बाहर देश जाने वालों में बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स हैं। क्योंकि अगस्त-सितंबर में विदेशों में पढ़ाई का सेशन शुरु होता है।  वहां के हॉस्टल में रहने के लिए उन्हे वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट दिखाना होगा और भारत में उपलबध अभी सिर्फ एक ही वैकसीन, सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड को विश्व स्वास्थ्य संगठन की एमरजेंसी यूज लिस्ट में शामिल किया गया है।  यूके और आयरलैंड ने भी कोविशील्ड को मान्यता दे दी है।  जिन देशों में कोविशील्ड को मान्यता मिली हैं वहां पर भारतीयों को होटल में क्वारनटाइन नहीं होना पड़ेगा। 


सरकारी विदेश दौरे भी हो सकते हैं प्रभावित
वहीं कोवैक्सीन की बात करें तो उसे  ​विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकलन करने के बाद ही एमरजेंसी यूज लिस्ट में जगह मिलेगी.। वहीं भारत में आयी रुस की स्पूतनिक वैक्सीन को भी अभी तक विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा मांगी गयी जानकारी न मिलने की वजह से एमरजेंसी यूज लिस्ट में शामिल नहीं किया गया है। अहम बात यह है कि दिल्ली के लगभग सभी केंद्रीय मंत्रालयों के अफसरों को भी कोवैक्सीन लगी है। इसलिए निजी के अलावा सरकारी विदेश दौरे भी प्रभावित हो सकते हैं।

vasudha

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