आखिर क्यों फांसी पर झूला देश का उभरता स्पोर्ट्समैन

Thursday, Nov 15, 2018 - 12:13 PM (IST)

नई दिल्ली: देश के लिए गोल्ड और सिल्वर मेडल जीत चुका था। अभी उसकी उम्र ही कितनी थी, महज 19 साल। उसे तो बड़ी-बड़ी स्पर्धाओं में भाग लेना था और कई गोल्ड लेकर आने थे। आखिर क्या हुआ, जो एक स्पोर्ट्समैन ने फांसी लगाकर जान दे दी। इसका ठीक-ठीक जवाब कोई नहीं दे पा रहा है, लेकिन जो भी इस घटना के बारे में सुन रहा है, बहुत दुखी हो जा रहा है। अलीगढ़ के काश्तकार महेश पाल की इकलौती संतान था पालेन्द्र चौधरी। 



जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम के हॉस्टल में रहने वाले एथलीट पालेन्द्र मंगलवार की शाम अपने कमरे में पंखे से लटकता पाया गया था। कोच और साथियों ने उसे अस्पताल पहुंचाया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। हॉस्टल में रहने वाली एक खिलाड़ी, जिसे पालेन्द्र बहन मानता था, उसी ने सबसे पहले देखा था। इसके बाद उसने गार्ड और कोच को सूचना दी। जल्दी-जल्दी पालेन्द्र को नीचे उतारा गया और सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन तब तक वह कोमा में चला गया था। बुधवार सुबह डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। 


घटनास्थल से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है, जिससे आत्महत्या के सही कारणों का पता नहीं चल सका। एम्स में पोस्टमॉर्टम कर शव परिजनों का सौंप दिया गया। लोधी कॉलोनी थाना पुलिस मामले की जांच कर रही है। एडिशनल डीसीपी विजयंता आर्या ने बताया कि मंगलवार रात नौ बजे सफदरजंग अस्पताल से पुलिस को सूचना मिली थी कि एक एथलीट ने खुदकुशी की कोशिश है, उसे उपचार के लिए भर्ती कराया गया है। 

इंटरनेशनल स्तर पर कई मेडल जीतने के बाद नवंबर, 2016 में वह विशेष प्रशिक्षण के लिए दिल्ली आया था। यहां पर वह जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम छात्रावास के कमरा नंबर 69 में रह रहा था। वह 100 और 200 मीटर दौड़ की ट्रेनिंग ले रहा था। कोच हरकमलजीत ने पुलिस को बताया कि मंगलवार शाम साढ़े पांच बजे के करीब वह अपने कमरे में गया था। इसके बाद उसने क्रेप बैंडेज के सहारे पंखे से लटककर फांसी लगा ली। क्रेप बैंडेज को काट कर उसे नीचे उतारकर स्टेडियम के चिकित्सा केंद्र में प्राथमिक उपचार दिया गया। लेकिन हालत गंभीर होने के कारण पालेन्द्र को सफदरजंग अस्पताल रेफर कर दिया गया।

Anil dev

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