Controversy over Spitting : गद्दारों पर थूकना हिन्दू संस्कृति है, संजय राउत का अजित पवार पर पलटवार

Saturday, Jun 03, 2023 - 09:28 PM (IST)

 

नेशनल डेस्क: शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) सांसद संजय राउत और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता अजित पवार के बीच शनिवार को जुबानी जंग छिड़ गई और दोनों नेताओं ने ‘थूकने' के विवाद के बीच एक-दूसरे पर परोक्ष रूप से हमला किया। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाला शिवसेना गुट, राकांपा और कांग्रेस महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के घटक हैं जो 2024 का चुनाव गठबंधन में लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।

संजय राउत और अजित पवार के बीच जुबानी जंग
शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन के दौरान राउत ने उस समय कैमरों के सामने जमीन पर थूक दिया, जब पत्रकारों ने उद्धव ठाकरे के बारे में शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे की टिप्पणी पर उनकी प्रतिक्रिया मांगी। आलोचनाओं के बीच राउत ने शनिवार को दावा किया कि थूकना दुर्घटनावश हुआ और जानबूझकर ऐसा नहीं किया, क्योंकि उन्हें दांतों में समस्या है। इससे पहले दिन में, अजित पवार ने कहा कि इस तरह ‘‘थूकने'' की हरकत महाराष्ट्र की संस्कृति नहीं है और बोलते समय सावधानी बरतनी चाहिए।

राउत ने पलटवार करते हुए कहा, ‘‘थूकना पेशाब करने से बेहतर है।'' राउत ने इस बयान से अजित पवार की विवादास्पद टिप्पणी की ओर इशारा किया जो उन्होंने 2013 में की थी, जब वह (अजित) महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री थे। त्र्यम्बकेश्वर में राउत ने कहा, ‘‘मुझे दिखाओ कि मैं कहां थूकता हूं। यह उनकी सोच है, उनकी मानसिकता है। उन्हें लगता है कि लोग उन पर थूकते हैं और यह सच है। मैंने कल आपको बताया था कि मेरे दांतों में कुछ समस्या है और इस कारण यह हुआ।''

गद्दारों पर थूकना हिन्दू संस्कृति है- संजय राउत 
राउत ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र, शिवसेना और बालासाहेब ठाकरे को धोखा देने वाले का नाम आया तो मेरी जीभ दांतों तले आ गई और मैंने थूक दिया। किसी नेता का नाम आया तो मैंने नहीं थूका लेकिन गद्दारों का नाम आया तो थूका।'' उन्होंने दावा किया कि जब (हिंदुत्व विचारक) विनायक दामोदर सावरकर को एक मामले में अदालत में पेश किया गया था तो ‘‘उन्होंने उस व्यक्ति (गद्दार) को देखकर थूक दिया था, जिसने उनके बारे में गवाही दी थी।'' राउत ने दावा किया कि गद्दारों पर थूकना हिन्दू संस्कृति है। उन्होंने कहा कि यह हिंदुत्व है, अपराध नहीं। राज्यसभा सदस्य ने कहा, ‘‘पेशाब करने से बेहतर है थूकना। जो सहते हैं वो दर्द जानते हैं। हम पीड़ित हैं और उसके बावजूद हम जमीन पर खड़े हैं। मैं अब भी अपनी पार्टी के साथ हूं। मैं समस्याओं से बचने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जैसे दलों के साथ गठबंधन करने के बारे में नहीं सोचता।''

अजित पवार की विवादित टिप्पणी
उल्लेखनीय है कि अजित पवार ने 2013 में राज्य में पानी की गंभीर कमी के संबंध में अपनी टिप्पणी से विवाद खड़ा कर दिया था। सूखाग्रस्त क्षेत्र के किसान की भूख हड़ताल का जिक्र करते हुए अजित ने कहा था, ‘‘वह पिछले 55 दिनों से अनशन पर हैं। बांध में पानी नहीं है तो हम उसे कैसे छोड़ सकते हैं? क्या हमें उसमें पेशाब कर देना चाहिए? पीने के लिए पानी नहीं है, पेशाब भी नहीं हो पा रहा है।'' बाद में अजित ने अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगी थी।

ऐसा कृत्य महाराष्ट्र की संस्कृति नहीं
‘थूकने' के विवाद पर टिप्पणी करने के लिए पूछे जाने पर महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजित ने कहा कि ऐसा कृत्य महाराष्ट्र की संस्कृति नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘महाराष्ट्र का इतिहास, संस्कृति और विरासत है। यशवंतराव चव्हाण (महाराष्ट्र बनने के बाद इसके पहले मुख्यमंत्री) ने हमें दिखाया था कि महाराष्ट्र कितना सुसंस्कृत हो सकता है। बोलते समय सावधानी बरतनी चाहिए।'' अजित ने नागपुर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने सुना है कि राउत ने बयान दिया है कि उनके दांतों में कुछ समस्या है। वे महान लोग हैं। हम उनका सम्मान करते हैं लेकिन यह महाराष्ट्र की संस्कृति नहीं है। वह (राउत) जो कहते हैं, वह उनका अधिकार है। वह जो भी कहते हैं उसका हम पर कोई असर नहीं पड़ता। कोई टिप्पणी नहीं करूंगा।''

rajesh kumar

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