ऑफ द रिकॉर्डः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सर्वोच्च संस्था में परिवर्तन की अटकलें तेज

Friday, Mar 19, 2021 - 01:48 AM (IST)

नई दिल्लीः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आर.एस.एस.) की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा 19 और 20 मार्च को बेंगलुरु में बैठक कर रही है। इसमें सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था में परिवर्तन की अटकलें तेज हो गई हैं। यह पहली बार है कि आर.एस.एस. के केवल 525-550 प्रतिनिधि नागपुर के बजाय बेंगलुरु में बैठक करेंगे। 

आम तौर पर अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में आर.एस.एस. के सभी फ्रंटल संगठनों के 1200 से अधिक प्रतिनिधि शामिल होते हैं। इस दौरान प्रतिनिधि सभा देश में व्याप्त सभी स्थितियों की समीक्षा करने के साथ आर.एस.एस. और उसके फ्रंटल संगठनों के प्रदर्शन की समीक्षा करती है। वर्तमान में विभिन्न क्षेत्रों में आर.एस.एस. के 50 से अधिक फ्रंटल संगठन हैं, लेकिन विशेषकर महाराष्ट्र में कोरोना महामारी के कारण बैठक के स्थान को कर्नाटक में स्थानांतरित कर दिया गया है। 

बैठक के प्रमुख एजैंडे में सर्वोच्च संस्था के दूसरे सबसे शक्तिशाली व्यक्ति व आर.एस.एस. महासचिव सुरेश भैयाजी जोशी के उत्तराधिकारी का चयन करना है। वे आर.एस.एस. के दिग्गज हैं व पिछले 12 वर्षों से प्रमुख पद पर हैं और उन्हें एक सख्त व्यक्ति माना जाता है। भैयाजी जोशी काफी समय से अच्छा महसूस नहीं कर रहे हैं और बड़े पैमाने पर यात्रा करने में असमर्थ हैं। हालांकि इस तरह की अटकलें 3 साल पहले हुई प्रतिनिधि सभा की बैठक में लगाई जा रही थीं। 

ऐसी भी अटकलें थीं कि दत्तात्रेय होसबोले जो आर.एस.एस. के संयुक्त महासचिव हैं, भैया जी जोशी की जगह लेंगे। लेकिन वे मनमोहन वैद्य संयुक्त महासचिव और कृष्ण गोपाल के मुकाबले वरिष्ठ नहीं हैं।  होसबोले एक पसंदीदा नेता के रूप में उभरे हैं, हालांकि वह युवा हैं और अभी भी उन्हें एक लंबा रास्ता तय करना है। वहीं अभी अंतिम निर्णय लिखा जाना बाकी है, क्योंकि आर.एस.एस. ऐसे मामलों में बहुत रूढि़वादी है। दूसरे, भैया जी जोशी को प्रधानमंत्री मोदी का भी करीबी माना जाता है।

Pardeep

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