सांसदों में बोलने के लिए मची होड़ के बाद निर्णय, रेल अनुदान पर सारी रात होगी लोकसभा में चर्चा
Thursday, Jul 11, 2019 - 11:02 PM (IST)
नेशनल डेस्कः लोकसभा में रेल बजट (अनुदानों मांगो) पर चर्चा के लिए गुरुवार व शुक्रवार को सारी रात बैठेगा। दरअसल, स्पीकर ओम बिरला चर्चा में भाग लेने के इच्छुक सभी सांसदों की मांग पूरी करने का भरोसा दिया है। फिलहाल स्पीकर ने सभी सदस्यों की इस्छा पूरी करने के लिए तड़के 3 बजे तक का समय निर्धारित किया है। हालांकि इच्छुक सदस्यों की संख्या को देखते हुए चर्चा निर्धारित समय में पूरा होने की उम्मीद दूर-दूर तक नहीं हैं। खबर लिखे जाने तक करीब 70 सदस्य चर्चा में भाग लेने के लिए नोटिस दे चुके थे।
वहीं, लंबी चर्चा के लिए स्पीकर ओम बिरला ने पूरी तैयारी कराई। सासंदों के लिए कैंटीन में देर रात तक डिनर और चाय-कॉफी का इंतजाम करने के निर्देश दिए। पत्रकारों के कैंटीन को भी रात भर खुला रहने का निर्देश जारी किया गया। लोकसभा सचिवालय के सूत्रों का कहना है कि रेल बजट पर चर्चा सुबह 6 बजे तक जारी रह सकती है।
जहां तक लोकसभा में रेल बजट पर सबसे लंबी चर्चा के कीर्तिमान का सवाल है, तो यह पीए संगमा के स्पीकर और रामविलास पासवान के रेल मंत्री रहने के दौरान वर्ष 1969 में बना। तब बजट पर चर्चा 25 जुलाई को शुरू हुई, जो 26 जून को तड़के 7.17 मिनट तक चली। इस दौरान 111 सदस्यों ने चर्चा में भाग लिया।
इसके बाद वर्ष 1998 में भी जीएमसी बालयोगी के स्पीकर और नीतीश कुमार के रेल मंत्री रहते बजट पर लंबी चर्चा हुई। तब 8 जून के शुरू हुई चर्चा 9 जून को सुबह 6.04 बजे तक चली। इस दौरान 90 सांसदों ने चर्चा में हिस्सा लिया। हालांकि रेल मंत्री नीतीश ने 9 जून दोपहर 2 बजे चर्चा का जवाब दिया। जबकि वर्ष 1996 में रेल मंत्री पासवान ने चर्चा का उसी दौरान जवाब दिया। इससे पहले वर्ष 1993 में रेल बजट पर सुबह 6.25 बजे तक चर्चा हुई और इसमें 69 सांसदों ने हिस्सा लिया।
सदन के सबसे लंबा बैठने का कीर्तिमान आजादी के स्वर्ण जयंती वर्ष पर बना। साल 1997 में 27 अगस्त को शुरू हुई चर्चा 28 अगस्त को सुबह 5.39 मिनट तक चली। फिर एक दिन के अवकाश के बाद सदन 29 अगस्त से शुरू हो कर 30 जून को 8.24 बजे सुबह तक जारी रहा।