सोनिया बनाम राहुलः अब कर्नाटक में भी कलग उजागर, चार राज्यों में पहले से चल रही है गुटबाजी

Monday, Oct 07, 2019 - 07:09 PM (IST)

नेशनल डेस्कः हरियाणा, महाराष्ट्र और त्रिपुरा के बाद कर्नाटक में भी कांग्रेस को आंतरिक कलह का सामना करना पड़ रहा है। प्रदेश में तीन महीने पहले जनता दल सेक्यूलर (JDS) संग गठबंधन सरकार चला चुकी कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं के बीच मतभेद खुलकर सामने आने लगे हैं। रविवार को कांग्रेस के नेता बीके हरिप्रसाद और केएच मुनीयप्पा के नेतृत्व में कई नेताओं ने बेंगलुरू स्थित कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (KPCC) ऑफिस के बाहर प्रदर्शन किया। इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री एस सिद्धरमैया और केपीसीसी के अध्यक्ष दिनेश गुंडु राव पर भी खूब निशाना साधा गया। चौंकाने वाली बात यह है कि इस खुले विरोध प्रदर्शन से कुछ दिन पहले पार्टी नेताओं में हाथापाई तक की नौबत आ गई थी।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार गिरने और लोकसभा में मिली करारी हार के बाद राज्य पार्टी नेतृत्व पर जोर-शोर से आवाज उठने लगी है। बगावत की कगार पर पहुंच चुका ये धड़ा दोनों नेताओं की विदाई चाहता है। इन नेताओं का आरोप है कि दोनों राज्य के नहीं महज एक ही तबके के नेता बनकर रह गए हैं। सात बार सांसद रहे और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुनीयप्पा का मानना है कि सिद्धरमैया फेल हो चुके हैं और उन्हें विधायक दल के नेता के पद से हट जाना चाहिए। मुनीयप्पा को हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था।

इसी तरह पूर्व एआईसीसी महासचिव और सांसद बीके हरिप्रसाद ने राव के खिलाफ सख्त तेवर अपनाए हुए हैं। उनकी मांग है कि कांग्रेस आलाकमान को राव की जगह किसी दूसरे धड़े के नेता को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाना चाहिए। दूसरी तरफ मल्लिकार्जुन खड़गे भी प्रदेश की सियासत की एंट्री की कोशिश में लगे हुए हैं। इसी तरह पूर्व डिप्टी सीएम जी परमेश्वर पार्टी हाईकमान से नाराजगी के चलते बैठकों में शामिल नहीं हो रहे हैं।

प्रदेश की राजनीति में बारीकी से नजर रखने वालों की मानें तो कर्नाटक में राहुल गांधी और सोनिया गांधी के वफादारों के बीच की लड़ाई है। राहुल गांधी के अचानक इस्तीफा देने और सोनिया गांधी के दोबारा अध्यक्ष बनने से सोनिया गांधी के वफादारों को फिर से पैर पसारने का मौका मिल गया है।

 

Yaspal

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