''बाहर आ जाओ...आपकी बहुत याद आ रही है, आतंकी पिता से बार बार यही अपील करता रहा बेटा

Tuesday, Mar 23, 2021 - 12:36 PM (IST)

नेशनल डेस्क:  जम्मू कश्मीर के शोपियां जिले में सुरक्षाबलों ने सोमवार को लश्कर-ए- तैयबा के चार आतंकवादियों को एक मुठभेड़ में ढेर कर दिया। सुरक्षाबलों ने आतंकवादियों से बार-बार समर्पण करने को कहा गया, लेकिन उन्होंने इसे अनसुना कर दिया और  गोलीबारी शुरू कर दी। एक आतंकवादी की पत्नी अपने चार साल के बच्चे सहित वहां पहुंची और उनसे समर्पण करने को कहा। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।'


आतंकवादी को साथियों ने नहीं आने दिया बाहर
इस मुठभेड़ के समय का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें एक आतंकवादी का चार साल का एक बच्चा अपने पिता को सरेंडर करने की अपील करता है लेकिन घर में छिपे अन्य आतंकवादी अपने साथी को बाहर आने नहीं देते। वीडियों में बेटा पिता से कह रहा है 'बाहर आ जाओ, वे आपको नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। बाहर आ जाओ, मैं आपको याद कर रहा हूं।


पत्नी भी करती रही आतंकवादी से अपील
आतंकवादी की पत्नी भी अपने पति से लगातार बाहर आने की अपील करत रही।  वे कहती हुई सुनाई दे रही है 'प्लीज बाहर आओ और सरेंडर कर दो। अगर तुम बाहर नहीं आना चाहते, तो मुझे गोली मार दो।  मेरे साथ अपने दोनों बच्चे आए हैं।  बाहर आओ और सरेंडर कर दो।  कई बार अपील के बावजूद आतंकी बाहर नहीं आया और वह भी सभी आतंकियों के साथ मारा गया।  

लश्कर तैयबा से जुडे थे चारों आतंकी
पुलिस महानिरीक्षक ने बताया कि चारों लश्कर तैयबा के बड़े आतंकवादी थे। वे खुद को लश्कर-ए-मुस्तफा से जुड़ा कहते थे और हमारे रिकॉर्ड में वे लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी के रूप में दर्ज थे और टीआरएफ (द रेजिस्टेंस फ्रंट) सहित ये सभी नाम लश्कर-ए-तैयबा या जैश-ए-मोहम्मद के घटक हैं। मारे गए आतंकवादियों की पहचान रईस अहमद भट, आमिर शफी मीर, रकीब अहमद मलिक और आफताब अहमद वानी के रूप में हुई है।


 घाटी में इस साल नौ मुठभेड़
कुमार ने बताया कि घाटी में इस साल अब तक नौ मुठभेड़ हुई हैं, जिनमें से आठ दक्षिणी कश्मीर में तथा एक मुठभेड़ उत्तरी कश्मीर में हुई है। इन नौ मुठभेड़ों में 19 आतंकवादी मारे गए हैं, जिनमें से नौ अकेले शोपियां जिले से थे और दो शीर्ष आतंकी कमांडर थे।  इस साल 18 युवा आतंकवाद से जुड़े हैं, जिनमें से पांच विभिन्न मुठभेड़ों में मारे जा चुके हैं और तीन अन्य को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस अधिकारी ने कहा कि शेष अब भी सक्रिय हैं और हम उनके माता-पिता से उन्हें मुख्यधारा में वापस लाने की अपील कर रहे हैं। इनमें से कुछ लौट सकते हैं। इसके अलावा, आतंकवाद से जुड़े सात युवाओं को उनके परिवारों की मदद से वापस लाया जा चुका है। अभिभावकों का सुरक्षाबलों पर विश्वास बढ़ा है।

 

vasudha

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