'कुछ लोग जाति की राजनीति का जहर फैलाकर शांति भंग कर रहे', ग्रामीण भारत महोत्सव में बोले PM मोदी
punjabkesari.in Saturday, Jan 04, 2025 - 01:01 PM (IST)
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि कुछ लोग जाति की राजनीति के नाम पर शांति भंग करने की कोशिश कर रहे हैं और उन्होंने देश के ग्रामीण इलाकों में सामाजिक सद्भाव को बनाए रखने के लिए ऐसी साजिशों को विफल करने का आह्वान किया। ग्रामीण भारत महोत्सव का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री ने विश्वास जताया कि 2047 तक विकसित भारत के सपने को आगे बढ़ाने में गांव अहम भूमिका निभाएंगे।
गांवों की विरासत को मजबूत करना लक्ष्य
पीएम मोदी ने किसी का नाम लिए बिना कहा कि कुछ लोग जाति की राजनीति का जहर फैलाकर शांति भंग करने की कोशिश कर रहे हैं। मोदी ने किसी का नाम लिए बिना कहा कि कुछ लोग जाति की राजनीति का जहर फैलाकर शांति भंग करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "हमें गांवों की शांति और सद्भाव की विरासत को मजबूत करने के लिए काम करना होगा।"
#WATCH | Delhi: At Grameen Bharat Mahotsav 2025, Prime Minister Narendra Modi, says "Clean drinking water is reaching every household in lakhs of villages. Today, people are getting better options for health services in more than 1.5 lakh Ayushman Arogya Mandirs. With the help of… pic.twitter.com/U4WvVlWYI8
— ANI (@ANI) January 4, 2025
गरीबी घटकर 5 प्रतिशत से नीचे आई
ग्रामीण विकास के लिए 2014 से एनडीए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को याद करते हुए मोदी ने एसबीआई शोध रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि ग्रामीण भारत में गरीबी 2012 में 26 प्रतिशत से घटकर 5 प्रतिशत से नीचे आ गई है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने ग्रामीण भारत में रहने वाले लोगों की उपेक्षा की थी और आजादी के दशकों बाद भी गांव बुनियादी आवश्यकताओं से वंचित थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि लेकिन उनकी सरकार गांवों को सशक्त बना रही है और उन गांवों पर ध्यान केंद्रित कर रही है जो पहले उपेक्षित थे।
इस अवसर पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बैंकों ने प्रधानमंत्री जन धन योजना, पीएम मुद्रा और पीएम स्वनिधि सहित 16 सरकारी योजनाओं के लिए संतृप्ति अभियान चलाया है। महोत्सव का उद्देश्य विभिन्न चर्चाओं, कार्यशालाओं और मास्टरक्लास के माध्यम से ग्रामीण बुनियादी ढांचे को बढ़ाना, आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था बनाना और ग्रामीण समुदायों के भीतर नवाचार को बढ़ावा देना है। इसके उद्देश्यों में वित्तीय समावेशन और टिकाऊ कृषि प्रथाओं का समर्थन करके, पूर्वोत्तर भारत पर विशेष ध्यान देने के साथ ग्रामीण आबादी के बीच आर्थिक स्थिरता और वित्तीय सुरक्षा को बढ़ावा देना शामिल है।