नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा- कुछ किसान संगठनों ने बातचीत में किया कृषि कानूनों का समर्थन

Tuesday, Dec 22, 2020 - 07:52 PM (IST)

नेशनल डेस्कः कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार को किसानों के कुछ संगठनं के साथ बातचीत के बाद कहा कि किसानों का मानना है कि कृषि कानूनों में कोई बदलाव नहीं होने चाहिए। तोमर ने किसान संगठनों के साथ बातचीत के बात कहा कि यूपी के कुछ किसान संगठनों ने आज मुझसे मुलाकात की और कृषि कानूनों का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि इन तीन कानूनों में भी कोई बदलाव नहीं किए जाने चाहिए।

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसान संघर्ष समिति, गौतमबुद्ध नगर उत्तर प्रदेश और भारतीय किसान यूनियन नई दिल्ली के प्रतिनिधियों ने नए कृषि कानूनों के समर्थन में ज्ञापन सौंपा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रिया अदा किया और कहा कि ये कानून किसानों की स्थिति में सुधार करेंगे और इन्हें वापस नहीं लिया जाना चाहिए। कृषि मंत्री ने किसानों से बातचीत में कहा कि कृषि सुधार से आने वाले समय में काफी फायदा होगा।


तोमर ने कहा कि अभी हम थोड़ा-थोड़ा निर्यात करते हैं तो 21 देशों में ही कर पाते हैं। ये बाजार खुल जायेंगे, नये-नये बच्चे आयेंगे, खेती को टेक्नोलॉजी से जोड़ देंगे, वो एक्सपोर्टर हो जायेंगे और उनके घर की आमदनी भी बढे़गी। कृषि मंत्री ने कहा कि देश को आत्मनिर्भर भारत बनाना है तो 70 प्रतिशत किसानों को पीछे रखकर काम थोड़े ही चलेगा। कृषि मंत्री ने किसानों से कहा कि आने वाले कल में इसका समाधान हो जायेगा।

कृषि मंत्री ने किसान संगठनों से अपील भी की कि वह जहां भी जाते हैं वहां इन नए कृषि कानूनों को लेकर सकारात्मक बातचीत करें। कृषि मंत्री ने कानून की जटिलताओं को आसान करते हुए कहा कि किसान के सबसे नजदीक सरकार की इकाई एसडीएम हैं। एसडीएम को 30 दिन में ही अपना निर्णय करना होगा।

उन्होंने कहा कि किसान की अगर गलती होगी तो उसके विरुद्ध निर्णय करते हुए उतना ही करेगी जितना उसने लिया है, ब्याज नहीं लिया जा सकता है, भूमि के विरुद्ध वसूली नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि किसान एसडीएम कार्यालय जायेगा, नामातंरण कितने दिन में होगा इसका कानून नहीं है, आपने दरख्वास्त दे दी है तो उन्हें 30 दिन में फैसला देना ही पडे़गा। कृषि मंत्री ने आंदोलनकारी किसानों को लेकर कहा कि जो किसान आंदोलन कर रहे हैं, हमने उनसे कहा है अगर उन्हें कोर्ट में जाना है तो हमें कोई दिक्कत नहीं है, वह अदालत में जा सकते हैं।

 

Yaspal

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