CAG रिपोर्ट में खुलासा- सियाचिन में जवानों को जरूरत के मुताबिक नहीं मिल रही सुविधाएं

Tuesday, Feb 04, 2020 - 06:39 AM (IST)

नई दिल्ली: भारतीय सेना को सियाचिन, लेह और लद्दाख जैसे बेहद ऊंचे और मुश्किल जगहों पर तैनात भारतीय सैनिकों को कपड़े, जूते, स्लीपिंग बैग और सन ग्लासेज की गंभीर किल्लत का सामना करना पड़ा है। संसद में सोमवार को पेश की सीएजी रिपोर्ट से इसका खुलासा हुआ है। सीएजी की यह रिपोर्ट 2017-18 के दौरान की है, जिसे संसद में पेश किया गया। 


CAG ने खामियों की ओर इशारा करते हुए कहा है कि जवानों को चार सालों तक बर्फीले स्थानों पर पहने जाने वाले कपड़ों और दूसरे सामानों की तंगी झेलनी पड़ी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बर्फीले इलाके में तैनात सैनिकों को स्नो बूट न मिल पाने की वजह से  पुराने जूते रिसाइकल कर पहनना पड़ा है। रिपोर्ट के मुताबिक मार्च 2019 में रक्षा मंत्रालय की ओर से दिए गए जवाब में कहा गया है कि बजट की तंगी और आर्मी की जरूरतों में बढ़ोतरी की वजह से जवानों को ये किल्लत हुई। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2017 में बर्फीले इलाकों में इस्तेमाल होने वाले कपड़ों और सामान की मांग बढ़कर 64,131 हो गई।


रक्षा सामानों की खरीद में खामियों के बारे में CAG ने कहा कि पुराना फेस मास्क, पुराने जैकेट और स्लीपिंग बैग को खरीदा गया। इससे जवानों को परेशानी हुई और वे नए प्रोडक्ट का लाभ नहीं उठा सके। रिपोर्ट में कहा गया है कि रक्षा प्रयोगशालाओं द्वारा रिसर्च के अभाव की वजह से देश को इन सामानों के लिए आयात पर निर्भर रहना पड़ा। कैग ने 9000 फीट ऊंचे स्थान पर रहने के लिए दिए जाने वाले विशेष राशन और आवास की व्यवस्था पर भी सवाल उठाया है। बता दें कि लेह लद्दाख और सियाचिन में रहने वाले जवानों को कैलरी की कमी पूरा करने के लिए विशेष खाना दिया जाता है। 

shukdev

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