सीमा पर तनाव के बीच सियाचिन में तैनात सैनिकों के पास नहीं है उच्च गुणवत्ता की वर्दी

Tuesday, Aug 20, 2019 - 12:56 PM (IST)

नैशनल डैस्कः पहले पाकिस्तान पर बालाकोट एयर स्ट्राइक फिर धारा 370 को जम्मू-कश्मीर में निष्प्रभावी करने जैसे कदम उठाने के बाद से भारत-पाक सीमा पर तनाव बढ़ा हुआ है। दूसरी तरफ चीन अपने पिछलग्गू पाकिस्तान के साथ भारत को हर संभव तरीके से नुकसान पहुंचाने की कोशिश में लगा हुआ है। ऐसे में सियाचीन में तैनात भारतीय जवानों को अच्छी गुणवत्ता की वर्दी न मिलने का मामला सामने आया है जो हमारी रक्षा तैयारियों की भी पोल खोलता है।

कोर्ट पहुंचा मामला 
जवानों को उच्च तकनीक की वर्दी नहीं बनाने का मामला हाई कोर्ट पहुंच गया है।कोर्ट ने इस संबंध में दायर जनहित याचिका पर केंद्र सरकार, रक्षा मंत्रलय के साथ ही संबंधित विभागों को चार हफ्ते में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिया है।सोमवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हरिद्वार निवासी राजेंद्र मोहन डबराल की जनहित याचिका पर यह सुनवाई हुई।

वर्दी में क्या है खामियां
याचिका के मुताबिक, सियाचिन में तैनात भारतीय जवानों को 2010 की तकनीक से बनाई गई वर्दी दी जा रही है, जबकि इसमें तमाम खामियां हैं। पहने जाने के बाद वर्दी के अंदर भाप बनने से जवानों का शरीर ठंडा हो जाता है। जबकि सियाचिन में शरीर को गर्म किये जाने की जरूरत होती है।

सियाचिन में -30 डिग्री सेल्सियस में तैनात हैं जवान
सीमा की रक्षा की खातिर भारतीय जवान -30 डिग्री सेल्सियस में तैनात है। फिलहाल रक्षा मंत्रालय यहां तैनात जवानों को ठंड से बचाने के लिए स्नोसूट खरीद रहा है। श्रीलंका की कंपनी से जून, 2019 को इस संबंध में खरीद प्रक्रिया शुरू हो गई थी। वैसे इससे पहले मंत्रालय ने जवानों को 2017 तकनीक पर आधारित वर्दी दिए जाने का भरोसा दिया था।

 

Ravi Pratap Singh

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