कोई लगाता था ठेला तो कोई था कंडक्टर, आज करोड़ों में होती है इन भारतीयों की गिनती

Thursday, Feb 04, 2016 - 01:56 AM (IST)

जालंधर: कहते है कि सपने वो नहीं जो नींद में देखें गए हो, बल्कि सपने वो जो आपको नींद न आने दें। भारत के मिसाइलमैन एवम पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का यह कथन सर्वक्षेष्ठ है। भारत में ऐसे आम लोग हुए जो अपनी मेहनत और हौंसलों की उड़ान से अपने मुकाम को हासिल कर विश्वभर में प्रसिद्ध हो गए। 
 
आज हम आपको ऐेसे कुछ खास लोगों के बारे में बताने जा रहे है जिन्होंने करोड़ों की भीड में अपनी अलग पहचान बनाई... 
 
धीरूभाई अंबानी 
धीरजलाल हीरालाल अंबानी अथवा धीरुभाई अंबानी का जन्म 28 दिसंबर, 1932, को गुजरात के जूनागढ़ जिले के चोरवाड़ गांव में एक सामान्य मोध बनिया परिवार में हुआ था। उनके पिता अध्यापक थे। अपने मां-बाप के पाच संतानों में धीरूभाई तीसरे नंबर के थे। आर्थिक तंगी के कारण उन्हें  हाईस्कूल में ही पढ़ाई छोडऩी पड़ गई थी। परिवार की आर्थिक मदद करने के लिए उन्होंने गिरनार के पास भजिए की एक दुकान भी लगाई। शायद ही किसी ने ऐसा सोचा होगा कि भजिया बेचने वाला आज दुनिया में सबसे धनी व्यक्तियों में से एक होगा। धीरुभाई अंबानी ने 1000 डॉलर से रिलायंस इंडस्ट्री की शुरुआत की थी। जो आज दुनिया की जानी-मानी कंपनियों में से एक है।
 
 
करसनभाई पटेल 
करसनभाई पटेल एक भारतीय उद्योगपति और निरमा समूह के संस्थापक हैं। निरमा समूह सौंदर्य प्रसाधन, साबुन, डिटर्जेंट, नमक, सोडा ऐश, प्रयोगशाला और चिकित्सकीय इंजेक्टिबल्स आदि का विनिर्माण करता है। सन 1969 में एक छोटे से कमरे से शुरू किया गया निरमा पाउडर का व्यवसाय डॉ पटेल की लगन और कड़ी मेहनत से फलता-फूलता गया और आज वे भारत के सबसे धनी व्यक्तियों की सूची में स्थान रखते हैं। उन्होंने यह व्यवसाय अपनी नौकरी के साथ-साथ किया। कार्यालय जाते समय वे इसकी साईकिल से बिक्री करते थे और शाम को वापस आकर वे डिटर्जेंट का निर्माण और पैकिंग करते थे। 
 
पेट्रीसिया नारायण 
तमिलनाडु के कन्याकुमारी में जन्मी पैट्रीशिया नारायण की गिनती आज देश की मशहूर महिला उद्यमियों में होती है लेकिन उनकी जिंदगी में एक समय ऐसा भी आया था जब उन्हें लगा था कि उनकी जिंदगी खत्म हो गई है और उन्हें जीवन में कोई राह नहीं सूझ रही थी। ड्रग एडिक्ट और शराबी पति की रोज की प्रताडऩाओं से आजिज पैट्रीशिया ने ऐसे समय में हिम्मत नहीं हारी और खुद को संगठित कर फर्श से अर्श तक का सफर तय किया। पैट्रीशिया ने मौके को एक चुनौती के रूप में लिया और मरीना बीच पर शाम को 3 बजे से रात 11 बजे तक शर्बत और स्नैक्स के साथ कटलेट, समोसा, आईसक्रीम आदि का स्टॉल लगाने लगीं, कारोबार बढऩे के साथ पैट्रीशिया ने अपनी जिंदगी में पीछे मुड़कर नहीं देखा और आज उनकी गिनती मशहूर महिला उद्यमियों में होती है। 
 
ए.पी.जे अब्दुल कलाम 
परिवार की आर्थिक सहायता के लिए बचपन में अखबार बेचने वाले अब्दुल कलाम ने विज्ञान के क्षेत्र में भारत को बड़ी सफ़लता दिलाई, जिसके बाद उन्हें मिसाइलमैन का नाम मिला था। यहां तक वे देश के 11वें राष्ट्रपति भी रहे। अब्दुल कलाम न सिर्फ एक महान वैज्ञानिक, प्रेरणादायक नेता थे बल्कि अद्भुत इंसान भी थे। 
 
रजनीकांत 
रजनीकांत ने कुली से लेकर कारपेंटर और बस कंडक्टर तक का काम किया, बाद में उन्होंने ‘मद्रास फिल्म इंस्टीट्यूट’ से जुड़ा एक एक्टिंग क्लासिस का विज्ञापन देखा और बिना परिवार वालों की मर्जी के उसे ज्वाइन करने का निर्णय लिया। उसके बाद अपनी मेहनत और लगन से मुकाम को हासिल किया।
 
इसके इलावा भारत में ऐसे ओर कई लोग है जिन्होंने अपनी जिंदगी में कड़ी मेहनत से अपने मुकाम को हासिल कर पूरी दुनिया में अपना नाम बनाया है। 
 
 
 
(Sajan)
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