राहुल गांधी के बयान पर स्मृति इरानी का पलटवार

Tuesday, Sep 12, 2017 - 03:14 PM (IST)

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी ने आज आरोप लगाया कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अमेरिका के कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में अपने भाषण में देश के नागरिकों का अपमान किया है और कहा कि उनके इस बयान पर कांग्रेस को आत्मचिंतन करने की जरूरत है कि उनकी पार्टी अहंकार में आ गई थी। गांधी ने कल देर रात अपने संबोधन में विभिन्न मुद्दों पर मोदी सरकार की आलोचना की थी। उन्होंने यह भी कहा था कि उन्हें 2012 में अहसास हो गया था कि कांग्रेस अहंकारग्रस्त हो गयी है।

कांग्रेस को आत्मचिंतन करने की जरूरत
भाजपा की वरिष्ठ नेता और केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति इरानी ने संवाददाता सममेलन में कहा कि उन्हें राहुल का अंतर्राष्ट्रीय उद्बोधन सुनने को मिला जिसमें उन्होंने कुछ ऐसी बातें कही हैं जिनसे देश के लोगों का अपमान हुआ है। उन्होंने कहा कि राहुल ने यह भी स्वीकार किया है कि उन्हें 2012 में अहसास हो गया था कि कांग्रेस पार्टी अहंकारी हो रही है। राजनीतिक इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कांंग्रेस अध्यक्ष पर तंज कसा है। वर्ष 2012 में सोनिया गांधी कांग्रेस अध्यक्ष थी और राहुल महासचिव थे। यह बहुत बड़ी राजनीतिक स्वीकारोक्ति है। राहुल ने कांग्रेस पार्टी में जिस अहंकार का संकेत दिया है, उस पर उनकी पार्टी को चिंतन करने की जरूरत है। 

स्मृति इरानी ने राहुल गांधी को दी चुनौती
स्मृति इरानी ने कहा कि राहुल की सफलता और विफलता का मापदंड अमेठी में देखा जाना चाहिए। उन्होंंने अपने इलाके में कितना विकास किया, उसी पर चर्चा कर लेते तो दूध का दूध पानी का पानी हो जाता। भाजपा नेता ने जीएसटी का उदाहरण देते हुए कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व में जीएसटी की विफलता का कारण यह था कि उसने किसी पार्टी या राज्य सरकार का विश्वास हासिल करने का प्रयास नहीं किया। अगर ऐसा हुआ होता तो जीएसटी कांग्रेस के कार्यकाल में ही आ गया होता। जीएसटी और नोटबंदी पर उठाए गए सवाल का जवाब देते हुए केन्द्रीय मंत्री ने राहुल गांधी को चुनौती दी कि वह संसद के अगले सत्र में या फिर किसी अन्य मंच पर भाजपा के किसी भी कार्यकर्ता के साथ बहस कर लें बशर्ते वह लिखा हुआ कागज ना लाएं।

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