ऐसे होंगे स्मार्ट सिटीज के स्मार्ट टूल्स!

Tuesday, Sep 27, 2016 - 05:29 PM (IST)

नई दिल्ली: देश के हर परिवार को अपना घर और बेहतरीन जीवनशैली मुहैया करवाने के इरादे से लांच हुई प्रधानमंत्री मोदी की स्मार्ट सिटी योजना की तीसरी लिस्ट में भारत के 27 शहर स्मार्ट सिटी बनने के क्रम में आ गए हैं। लेकिन इन शहरों को स्मार्ट बनाने के लिए स्मार्ट टूल्स की भी जरूरत है। तो आईए गौर करते हैं, कुछ ऐसे ही टूल्स पर।

कम खर्च, बेहतर सुविधा
स्मार्ट सिटी की सर्विससेज को बेहतर बनाने के लिए यह जरूरी है कि कम खर्च में बेहतर सुविधा प्रदान की जाए। इन सुविधाओं को विकसित करने के लिए लागत को भी कम करना होगा। इसके लिए ऐसी कंपनियों और उनकी तकनीकों का इस्तेमाल किया जाए जो ऐसे कार्य में पहले से ही दक्ष हो। अगर मार्डन टेक्नॉलजी में और इनोवेशन की जरूरत है, तो उस पर भी फोकस किया जाना चाहिए।

हर सिस्टम में झलके स्मार्टनेस
स्मार्ट सिटीज में हर सिस्टम में स्मार्टनेस झलकनी चाहिए। एक तरफ जहां इसके लिए डिजीटली सभी सिस्टम को आपस में जोडऩा होगा, एक तारतम्यता के साथ काम करना होगा। वहीं, दूसरी तरफ टेलीकॉम, सॉप्टवेयर डिवेलरमेंट और इनोवेशन को भी तेज करना होगा। विशेषज्ञों के मुताबिक, स्मार्ट सिटीज में सिस्टम की डिवाइसेस इस तरह विकसित किए जाने चाहिए कि लगे कि आपस में डिवाइसेस आपस में बातें कर रहे हों, साथ ही इनके डेटाज एक ही जगह संग्रहित हों।

सैटेलाइट डेटा अहम
आईओटी(इंटरनेट ऑफ थिंग्स) पावर्ड स्मार्ट सिटी टेक्नॉलजी सलूशन के माध्यम से लोगों के जीवन स्तर में सुधार ला सकते हैं। पर्यावरण निर्माण, बेहतर ट्रांसपोर्टेशन, गुड एडमिनिस्ट्रेशन, बेहतर हेल्थ सर्विस, सिक्योरिटी आदि में भी इनकी उपयोगिता है। साथ ही यह ई-एडमिन की पहुंच को बढ़ाता है। इसके तहत स्मार्ट सिटी में रहने वाले लोगों को शमिल करके, पूरे प्रॉसेस को ट्रांसपैरंट बनाती है। टेलीमेट्री एवं सैटेलाइट डेटा न केवल रोड, एयर ट्रैफिक, बल्कि अंडरग्राउंड ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट को बेहतर बनाने में कारगर है। 

सर्विसेज को ऐसे बनाया जाएगा बेहतर
- अगले 15-20 सालों के लिए स्मार्ट सिटी के लिए ब्लूप्रिंट बनाया जाएगा।
- लोगों से मिली प्रतिक्रिया के आधार पर प्राइमरी सर्विसेज के लिए योजना बनाना और इन सर्विसेज को लागू करने की संभावनाओं पर विचार करना, ताकि फंड की जरूरतों को कम किया जा सके।
- शहर की अहम समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करना। 
- शहर के सभी क्षेत्रों में एक समेकित नेटवर्क की योजना बनाना।
- एक मार्डन सिस्टम बनाना। स्टार्ट-अप्स का बढ़ावा देना ताकि समस्याओं के समाधान के लिए एप्प तैयार किया जा सके।

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