सरकार का विपक्ष पर हमला, कहा- उपसभापति ने आसन पर चढ़ना, रुल बुक फाड़ना बेहद शर्मनाक

Sunday, Sep 20, 2020 - 09:07 PM (IST)

नई दिल्लीः राज्यसभा में हुई घटना को लेकर केंद्र सरकार ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। 6 केंद्रीय मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि राज्यसभा के अंदर जो कुछ भी हुआ, वह बहुत दुखद और शर्मनाक था। संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने के लिए सत्ता पक्ष की जिम्मेदारी है, लेकिन विपक्ष का सहयोग भी जरूरी है। राजनाथ सिंह ने कहा कि किसानों को गुमराह करके निहित राजनीति की जा रही है, यह स्वस्थ लोकतांत्रित परंपराओं के लिए अनुकूल नहीं है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि उपसभापति के साथ जो दुर्व्यवहार हुआ है, सारे देश ने उसे देखा है। उपसभापति के आसन तक जाना और खड़े हो जाना, रूल्स बुक को फाड़ डालना संसदीय इतिहास में ऐसी घटना कभी नहीं हुई। संसदीय परंपराओं में विश्वास में रखने वाला कोई भी व्यक्ति इस घटना है आहत होगा आज। उन्होंने कहा कि केवल भ्रामक तत्वों के आधार पर देश के किसानों को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है। सिंह ने कहा कि जो कुछ भी हुआ है, वह संसदीय गरिमा के अनुरूप नहीं है।

सिंह ने कहा कि संसदीय लोकतंत्र में मर्यादाओं का बहुत बड़ा स्थान होता है, जब संसदीय मर्यादाएं टूटती हैं तो लोकतंत्र की परंपराएं भी शर्मशार होती हैं और तारतार होती हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उपसभापति के साथ जो कुछ भी किया गया है, उसकी जितनी भर्त्सना की जाए, उतनी कम है। इस तरह की घटना से संसदीय गरिमा को भी गहरी चोट पहुंची है।

विपक्ष ने किया हंगामा
राज्यसभा में सोमवार को कृषि विधेयक पर विपक्ष ने वोटिंग की मांग की, जिसे आसन पर बैठे उपसभापति हरिवंश राय ने अनसुना कर दिया। समस्या तब शुरु हुई जब सदन की बैठक का समय विधेयक को पारित करने के लिए निर्धारित समय से आगे बढ़ा दिया गया। विपक्षी सदस्यों, का मानना था कि इस तरह का फैसला केवल सर्वसम्मति से ही लिया जा सकता है और वे सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सभापति के आसन के सामने इकट्ठा हो गये। उन्होंने सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाया।

TMC सांसद ने फाड़ी रूल बुक
हंगामे के कारण कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को संक्षेप में अपनी बात रखनी पड़ी तथा उप सभापति हरिवंश ने विधेयकों को परित कराने की प्रक्रिया शुरु कर दी। विपक्ष द्वारा व्यापक जांच के लिए लाये गये चार प्रस्तावों को ध्वनिमत से नकार दिया गया। लेकिन कांग्रेस, तृणमूल, माकपा और द्रमुक सदस्यों ने इस मुद्दे पर मत विभाजन की मांग की। उप सभापति हरिवंश ने उनकी मांग को ठुकराते हुए कहा कि मत विभाजन तभी हो सकता है जब सदस्य अपनी सीट पर हों। तृणमूल नेता डेरेक ओ ब्रायन ने आसन की ओर बढ़ते हुए नियम पुस्तिका उप सभापति की ओर उछाल दी। सदन में खडे मार्शलों ने इस कोशिश को नाकाम करते हुए उछाली गई पुस्तिका को रोक लिया। माइक्रोफोन को खींच निकालने का भी प्रयास किया गया लेकिन मार्शलों ने ऐसा होने से रोक दिया।

द्रमुक नेता तिरुचि शिवा, जिन्होंने ओ'ब्रायन के साथ और कांग्रेस के के सी वेणुगोपाल और माकपा के के के रागेश के साथ मिलकर विधेयकों को प्रवर समिति को भेजने का प्रस्ताव किया था, उन्होंने कागजात फाड़कर हवा में उछाल दिए। उप सभापति हरिवंश ने सदस्यों को अपने स्थानों पर वापस जाने और कोविड-19 के कारण भौतिक दूरी बनाने की आवश्यकता को ध्यान में रखकर आसन के समीप नहीं आने के लिए कहा था लेकिन उन्होंने हंगामा थमता न देख पहले लाइव कार्यवाही के ऑडियो को बंद करवा दिया और फिर कार्यवाही को 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया। जब सदन की कार्यवाही दोबारा शुरु हुई तो विपक्षी दलों ने नारे लगाए लेकिन वे हरिवंश को ध्वनि मत से विधेयक को पारित करने के लिए रखने से रोक नहीं पाये। विपक्षी दलों द्वारा लाये गये संशोधनों को खारिज करते हुए दोनों विधेयकों को ध्वनि मत से पारित कर दिया गया।  

Yaspal

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