सीतारमण का कांग्रेस पर पलटवार, पूछा- UPA सरकार में क्यों नहीं की राफेल डील?

Thursday, Sep 27, 2018 - 07:14 PM (IST)

नेशनल डेस्क: राफेल विमान को लेकर जुबानी जंग तेज हो गई है। इस मुद्दे को लेकर जहां कांग्रेस मोदी सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहती, तो वहीं रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने भाजपा की ओर से मोर्चा संभाल लिया है। सीतारमण ने पूछा कि कांग्रेस बताए कि यूपीए सरकार में राफेल डील क्यों नहीं की गई? कांग्रेस को बताना चाहिए कि उसे डील करने से किसने रोका था। 

रक्षा मंत्री ने कहा कि इस सौदे पर असहमति जताने वाले अधिकारी ने ही इस सौदे के बारे में कैबिनेट को भेजे गए नोट पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके आधार पर मंत्रिमंडल ने सौदे को मंजूरी दी थी। एक निजी चैनल से बातचीत में सीतारमण ने कहा कि किसी भी सौदे पर सभी संबंधित अधिकारियों के मत दर्ज किए जाते हैं और बाद में सामूहिक निर्णय लिया जाता है। अधिकारी ने अपनी टिप्पणी भले ही लिखी हो, लेकिन मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिए भेजे गए नोट पर भी इसी अधिकारी ने हस्ताक्षर किए थे। उन्होंने इस बात को गलत बताया कि उक्त अधिकारी को छुट्टी पर भेज दिया गया। 

सीतारमण ने यूरोफाइटर विमान को सस्ता बताए जाने से जुड़े सवाल पर कहा कि इस सौदे की बोली में यूरोफाइटर दूसरा सबसे सस्ता विमान था और उसे बनाने वाली कंपनी द्वारा 20 प्रतिशत कम कीमत की पेशकश निविदा प्रक्रिया पूरी होने के बाद की गयी थी। उन्होंने कहा कि अब तो विपक्ष नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) के पास राफेल सौदे को ले गया है तो कैग क्या कहता है, यह उसकी रिपोर्ट में सबके सामने आ जाएगा।
 

मीडिया में आयी रिपोर्ट में कहा गया कि राफेल सौदे में संयुक्त सचिव और खरीद प्रबंधक राजीव वर्मा ने राफेल की बेंचमार्क कीमत को लेकर सवाल उठाया था और अपनी लिखित असहमति दर्ज करायी थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि बाद में महानिदेशक खरीद ने इस असहमति को खारिज कर दिया था।  

vasudha

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