मनमोहन सिंह ने साधा केंद्र पर निशाना, कहा- अर्थव्यवस्था गिरी, सामाजिक ताना-बाना भी टूटा

Friday, Nov 29, 2019 - 08:18 PM (IST)

नेशनल डेस्कःपूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की 4.5 प्रतिशत की वृद्धि दर को नाकाफी और चिंताजनक बताया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से समाज में ‘गहराती आशंकाओं' को दूर करने और देश को फिर से एक सौहार्दपूर्ण तथा आपसी भरोसे वाला समाज बनाने का आग्रह किया जिससे अर्थव्यवस्था को तेज करने में मदद मिल सके।

अर्थव्यवस्था पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन में अपना विदाई भाषण देते हुए सिंह ने कहा कि आपसी विश्वास हमारे सामाजिक लेनदेन का आधार है और इससे आर्थिक वृद्धि को मदद मिलती है। लेकिन ‘अब हमारे समाज में विश्वास, आत्मविश्वास का ताना-बाना टूट गया है।'' उन्होंने कहा, ‘‘हमारा समाज गहरे अविश्वास, भय और निराशा की भावना के विषाक्त संयोजन से ग्रस्त है।'' यह देश में आर्थिक गतिविधियों और वृद्धि को प्रभावित कर रहा है।

गौरतलब है कि आर्थिक सुस्ती के कारण विनिर्माण ,कृषि और खान एवं खनन क्षेत्र के निराशाजनक प्रदर्शन से चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 26 तिमाहियों के निचले स्तर 4.5 प्रतिशत पर आ गयी जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 7.0 प्रतिशत रही थी। इस अवधि में सकल मूल्य संवर्धन (जीवीए) वृद्धि दर 4.3 प्रतिशत रही जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 6.9 प्रतिशत रही थी।
 
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 5.0 प्रतिशत रही थी। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही की जीडीपी वृद्धि दर जनवरी मार्च 2013 की तिमाही के बाद का निचला स्तर है। केन्द्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा यहां जारी आंकड़ों के अनुसार इस तिमाही में विनिर्माण गतिविधियों में रिणात्मक 0.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 5.6 प्रतिशत रही थी।
 

Yaspal

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