सिंगापुर में पीएम मोदी ने 10 महत्वपूर्ण समझौतों पर किए हस्ताक्षर

Tuesday, Nov 24, 2015 - 08:08 PM (IST)

सिंगापुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंगापुर में अपने समकक्ष ली सीन लूंग और राष्ट्रपति टोनी तान केंग याम से आज मुलाकात की तथा भारत और सिंगापुर ने ‘‘रणनीतिक भागीदारी’’ पर संयुक्त घोषणापत्र सहित 10 द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर किए जिनमें रक्षा, साइबर सुरक्षा और नागरिक उड्डयन जैसे क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए करार शामिल हैं।

सिंगापुर की दो दिवसीय यात्रा के दूसरे दिन मोदी ने सिंगापुर के राष्ट्रपति से मुलाकात की। इससे पहले उनका आज सुबह भव्य स्वागत किया गया। बाद में उन्होंने सिंगापुर में अपने समकक्ष के साथ आधिकारिक बातचीत की। शहरी विकास और सांस्कृतिक आदान प्रदान जैसे क्षेत्रों में व्यापक सहयोग के लिए भी द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए।  

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने बाद में ट्वीट किया कि विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े दस द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए है जिससे सहयोग के व्यापक दायरे का पता चलता है।’’  स्वरूप ने ट्वीट किया कि इनमें रक्षा, साइबर सुरक्षा, जहाजरानी, संस्कृति के क्षेत्र में रणनीतिक भागीदारी पर संयुक्त घोषणापत्र शामिल हैं तथा समझौतों से द्विपक्षीय संबंधों की मजबूती का पता चलता है।

दोनों देशों के प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति भवन और इस्ताना :सिंगापुर के राष्ट्रपति का आधिकारिक आवास एवं कार्यालय: पर एक स्मारक टिकट भी जारी किया। कल शाम यहां पहुंचने के बाद मोदी ने प्रतिष्ठित सिंगापुर लेक्चर में व्याख्यान दिया। आज सुबह उन्होंने सिंगापुर की जानीमानी हस्तियों के साथ जलपान पर मुलाकात की।  

बाद में एमेरिटस सीनियर मिनिस्टर गोह चोक तोंग ने मोदी से मुलाकात की। कल दिए गए व्यायान में मोदी ने भारत और सिंगापुर के मजबूत रिश्तों के लिए तोंग के योगदान का जिक्र किया था। तोंग सिंगापुर के दूसरे प्रधानमंत्री थे। आर्थिक और सुरक्षा मोर्चे पर संयुक्त बयान में सतत उच्चस्तरीय आदान प्रदान और रक्षा, समुद्री तथा सुरक्षा सहयोग बढ़ाने की बात कही गई।

दोनों प्रधानमंत्रियों ने भारत-सिगांपुर संबंधों में संस्कृति के महत्व और प्रदर्शनी आदान प्रदान तथा संवाद को बढ़ाने के महत्व को भी रेखांकित किया। उन्होंने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, जैव औषधि और आयुर्वेद में सहयोग के लिए अपने साझा हितों पर भी जोर दिया। आर्थिक सहयोग के लिए पांच प्रमुख क्षेत्र लगातार प्राथमिकता में रहेंगे।

इनमें व्यापार एवं निवेश को बढ़ावा देना, हवाई और समुद्री कनेक्टिविटी को मजबूत करना और तटीय विकास, स्मार्ट सिटी विकास और नगरीय कायाकल्प, कौशल विकास और क्षमता निर्माण शामिल हैं। संयुक्त बयान में लूंग ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थाई सदस्यता की दावेदारी का समर्थन दोहराया। दोनों नेताओं ने आसियान, संयुक्त राष्ट्र और डब्ल्यूटीआे सहित बहुपक्षीय तथा क्षेत्रीय मंच पर सहयोग विस्तार को मान्यता दी। 

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