पहले सिखों को निकालो...कनाडाई रक्षा मंत्री के आदेश पर कनाडा की राजनीति में भूचाल, ट्रूडो का हो रहा विरोध
punjabkesari.in Saturday, Jun 29, 2024 - 01:12 PM (IST)

ओटावा: कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के एक खालिस्तान प्रेमी सिख मंत्री के एक पुराने आदेश पर कनाडा की राजनीति गरमा गई है। वहीं, ट्रूडो सरकार के इस मंत्री के कदम पर कनाडा की सेना में भी नाराजगी है। दरअसल, अफगानिस्तान से जब पश्चिमी देशों की सेनाएं लौट रही थीं, चारों ओर अफरातफरी मची थी। सभी देश अपने लोगों को निकालकर ले जा रहे थे, उस वक्त ट्रूडो के रक्षा मंत्री हरजीत सज्जन ने सेना को आदेश दिया था कि पहले सिखों को निकालो… अब जब इस मामले का खुलासा हुआ तो कनाडा में बवाल मच गया। लोग ट्रूडो से पूछ रहे कि आखिर यह कैसा आदेश था। ट्रूडो के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
पूर्व मंत्री ने ट्रूडो पर बोला हमला
इस रिपोर्ट के आने के बाद पीपल्स पार्टी ऑफ कनाडा के नेता और देश के पूर्व विदेश मंत्री मैक्सिम बर्नियर ने ट्रूडो सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कनाडा सरकार पर खालिस्तानियों को खुश करने के चक्कर में अपने नागरिकों की अनदेखी करने का आरोप लगाया है। बर्नियर ने कहा, विदेशी लोग देश पर कब्जा कर रहे हैं, क्योंकि सत्ताधारी राजनेता लगातार जातीय अल्पसंख्यकों को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने कनाडा की राजनीति पर विदेशी प्रभाव को समाप्त करने की मांग की।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बर्नियर ने लिखा कि ट्रूडो के कनाडा में विनाशकाली जातीय राजनीतिक का एक और उदाहरण सामने आया है। उन्होंने लिखा, 'जब 2021 में तालिबान ने सत्ता संभाली को रक्षा मंत्री हरजीत सज्जन (जो खुद सिख हैं) ने विशेष बलों को अफगान सिकों को बचाने का निर्देश दिया, जिनका कनाडा से कोई संबंध नहीं था।' उन्होंने आगे लिखा, 'न केवल मंत्री ने सिख विदेशियों को दूसरों पर प्राथमिकता दी, बल्कि यह चनाव अभियान की शुरुआत में हुआ।' मैक्सिम ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ नेता सिखों को एक वोटबैंक के रूप में देखा है। उन्होंने आगे लिखा, 'बड़े पैमाने पर आप्रवासन, चरम बहुसंस्कृतिवाद और जातीय अल्पसंख्यकों को लगातार खुश करने के चलते आज विदेशी सच में हमारे देश पर कब्जा कर रहे हैं।'
आरोपों पर मंत्री सज्जन ने दी ये सफाई
कनाडा सरकार में आपातकालीन मंत्री सज्जन ने इन सभी आरोपों को सिरे से नाकार दिया है। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से बकवास है। सज्जन ने कहा, मैं इस मामले में साफ पाक हूं। यह पूरी तरह बकवास बात हैं, जो लोग उस वक्त कनाडाइयों की निकासी पर नजर रख रहे थे, वे जानते हैं कि हमने जितना संभव हो सका, सबको बाहर लाने की कोशिश की। मेरे खिलाफ दुष्प्रचार किया जा रहा है।
क्या है मामला?
रिपोर्ट के मुताबिक, मामला 2021 का है, जब अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा हो गया और सारे देश अपने लोगों को बचाकर निकालने लगे। तब सिख हरजीत सज्जन कनाडा के रक्षा मंंत्री थे। काबुल में हालात बिगड़ते देख सज्जन ने विशेष बलों से कहा कि सबसे पहले सिखों को बचाओ। उन्हें अफगानिस्तान से जल्द से जल्द बाहर निकालो। अब लोगों का कहना है कि सेना ने उनके इसी आदेश का पालन किया, जिससे कनाडा के अन्य लोगों को मुश्किलें हुईं।
सेना के सूत्रों के हवाले से बताया कि सज्जन ने सिखों को निकालने के लिए सेना को 225 नाम दिए थे। उनके रहने की जगह के बारे में बताया था। 15 अगस्त 2021 को तालिबान द्वारा काबुल पर कब्जा करने के कुछ दिनों बाद यह ऑपरेशन शुरू किया गया था। सूत्रों ने कहा कि अफगान सिखों को कनाडा की सेना अपना नहीं मानती थी, क्योंकि उनका मानना था कि इन लोगों का कनाडा से सीधा कोई संबंध नहीं है। इसी वजह से सज्जन ने हस्तक्षेप करते हुए आदेश दिया और तुरंत उन्हें बचाने के लिए कहा।