जम्मू कश्मीर में सिख संगठन ने परिसीमा आयोग की आलोचना की

Thursday, Jul 21, 2022 - 10:31 PM (IST)

श्रीनगर :कश्मीर में एक सिख संगठन ने सिखों के लिए विधानसभा की सीटें आरक्षित नहीं करने एवं उन्हें कोई राजनीतिक प्रतिनिधित्व नहीं देने को लेकर बृहस्पतिवार को परिसीमन आयोग की आलोचना की।

ऑल पार्टीज सिख कोर्डिनेशन कमिटी (एपीएससीसीसी) ने सांसदों से अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनने और कश्मीरी पंडित समुदाय के सदस्यों के लिए आरक्षण का विरोध करने की अपील भी की और कहा कि यह "विशुद्ध रूप से धार्मिक बातों पर आधारित है।"

एपीएससीसी अध्यक्ष जगमोहन सिंह रैना ने यहां संवाददाताओं से कहा,"परिसीमन आयोग के दो काम थे-- भूगोल एवं जनसंख्या के आधार पर प्रतिनिधित्व देना। यह जरूरी है और वे इसकी अनदेखी नहीं कर सकते।"

उन्होंने कहा, "लेकिन, हमें कोई प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया है। यदि सिख समुदाय को कोई राजनीतिक प्रतिनिधित्व नहीं दिया जाता है तो आगामी विधानसभा चुनाव बेमतलब रह जाएगा।"

रैना ने कहा कि परिसीमन आयोग बिल को पारित कराने के लिए संसद में पेश किया गया है और उसमें बस कश्मीरी पंडितों के लिए अल्पसंख्यक के तौर पर आरक्षण का प्रस्ताव है जबकि सिख भी जम्मू कश्मीर में अच्छी-खासी संख्या में हैं।

उन्होंने कहा, " वे कैसे उसकी अनदेखी कर सकते हैं? सांसदों को यह स्पष्ट रूप से देखने की जरूरत है कि जम्मू कश्मीर और पंजाब सीमावर्ती प्रदेश हैं जो संवेदनशील हैं तथा किसी भी आबादी को राजनीतिक प्रतिनिधित्व से उपेक्षित नहीं किया जा सकता है, अन्यथा परिणाम राष्ट्र के लिए अच्छे नहीं होंगे।"

एपीएससीसी अध्यक्ष ने सांसदों से अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनने तथा कश्मीरी पंडित समुदाय के लिए प्रस्तावित आरक्षण का विरोध करने की अपील की जो "विशुद्ध रूप से धार्मिक बातों पर आधारित है।"
 

Monika Jamwal

Advertising