सिख संगठन ने कश्मीरी पंडितों के सरकारी पैकेजों की जांच की मांग की

Friday, Nov 09, 2018 - 01:21 PM (IST)

श्रीनगर : सिखों के एक संगठन ने कश्मीरी पंडितों के लिए केंद्र की विभिन्न सरकारों द्वारा घोषित पैकेजों की उच्च स्तरीय जांच की  मांग की और आरोप लगाया कि जम्मू कश्मीर के अन्य समुदायों की अनदेखी की गयी है।  ऑल पार्टीज सिख कोर्डिनेशन कमिटी के अध्यक्ष जगमोहन सिंह रैना ने एक बयान में कहा इख पिछले कई सालों के दौरान ऐसा देखा गया है कि नयी दिल्ली की सरकारें कश्मीरी पंडितों के लिए पैकेज की घोषणा करती रही हैं और मुसलमानों एवं सिखों के लिए कुछ नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि सिख कई मुश्किलों से घिरे हैं और वे रोजगार, राजनीतिक प्रतिनिधित्व, कारोबार, कृषि एवं बागवानी में सहायता के संदर्भ में दिक्कतें झेल रहे हैं। सालों के दौरान कश्मीरी पंडितों के लिए घोषित ष्अनुचित पैकेजोंष् की संसदीय समिति या उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश से जांच करायी जानी चाहिए। 


रैना ने कहा कि सघन जाचं से वे अधिकारी बेनकाब होंगे जो समय समय पर ये पैकेज दे रहे हैं।    उन्होंने आरोप लगाया कि घाटी से नहीं गये कश्मीरी पंडितों को नौकरियां देने के लिए प्रधानमंत्री पैकेज के तहत राज्य सरकार द्वारा अक्टूबर, 2017 में घोषित एसआरओ  (सदर ए रियासतअध्यादेश)  425 सिख समुदाय के साथ बड़ा भेदभावकारी है। उन्होंने दावा किया कि एसआरओ मनमानापूर्ण, अवैध और भारतीय संविधान के अनुच्छेदों 14 और 16 के तहत गारंटीशुदा अधिकारों का उल्लंघन है। 1989 से राज्य और केंद्र सरकारों का खासकर घाटी में रह रहे सिखों के प्रति रुख उदासीन और भेदभावकारी रहा है।

Monika Jamwal

Advertising