सिख विरोधी दंगा मामले में अदालत का निर्देश - टाइटलर से जुड़े केस की जांच में तेजी लाए CBI

Thursday, Jan 31, 2019 - 11:07 PM (IST)

नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कहा कि वह 1984 के सिख विरोधी दंगों के उस मामले की जांच में तेजी लाए जिसमें कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर को उनकी कथित भूमिका के लिए क्लीन चिट दी गई है। अदालत ने कहा कि यह मामला संवेदनशील प्रकृति का है। 

सीबीआई ने अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अमित अरोड़ा को बताया कि कारोबारी अभिषेक वर्मा की लाइ-डिटेक्टर (झूठ पकड़ने वाली) जांच की गई लेकिन वैज्ञानिकों की अनुपलब्धता के कारण रिपोर्ट को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका। वर्मा ने गवाह के तौर पर बयान दर्ज कराकर स्वेच्छा से मामले का समर्थन किया। अदालत ने फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) से कहा कि वह रिपोर्ट को अंतिम रूप दिए जाने की प्रक्रिया में तेजी लाए। 

अदालत ने एफएसएल को दो हफ्ते की मोहलत दी और मामले की अगली सुनवाई के लिए आठ मार्च की तारीख तय कर दी। मामले में आगे की जांच पर सीलबंद लिफाफे में नियमित स्थिति रिपोर्ट दायर करते हुए सीबीआई ने अदालत को यह भी बताया कि उसे कनाडा सरकार की तरफ से कुछ सवाल भेजे गए जिसका उसने जवाब दिया है और उनकी प्रतिक्रिया का इंतजार नहीं किया जा रहा। 

अदालत ने इससे पहले सीबीआई को कहा था कि वह नई दिल्ली स्थित कनाडा उच्चायोग को पत्र लिखकर इस मामले में सूचना मांगे, क्योंकि मामले का एक अहम गवाह कनाडा में रह रहा है। दंगा पीड़ितों की तरफ से पेश हो रहे वरिष्ठ वकील एच एस फुल्का ने दावा किया कि गवाहों को प्रभावित किया गया और एक अहम गवाह को कथित तौर पर टाइटलर के इशारे पर कनाडा भेजा गया। उन्होंने कहा कि वे उसे वापस लाने की कोशिश करेंगे।     

Pardeep

Advertising