अनुच्छेद 370 हटने से पहले ही लग गया था कांग्रेस को झटका
Monday, Aug 05, 2019 - 06:25 PM (IST)
नई दिल्ली: कांग्रेस को आज एक और बड़ा झटका लगा है।राज्यसभा में कांग्रेस के व्हिप भुवनेश्वर कलिता ने अपना इस्तीफा दे दिया। भुवनेश्वर कलिता कांग्रेस के वहीं सांसद थे जिन्हें आज कश्मीर मुद्दे को लेकर व्हिप जारी करना था लेकिन उन्होंने इस्तीफा देकर पार्टी को चौंका दिया। कलिता ने कहा कि आज कांग्रेस ने मुझे कश्मीर मुद्दे के बारे में व्हिप जारी करने को कहा, जबकि सच्चाई ये है कि देश का मिजाज पूरी तरह से बदल चुका है और ये व्हिप देश की जन भावना के खिलाफ है।
भुवनेश्वर कलिता ने कहा कि पंडित नेहरू ने खुद अनुच्छेद 370 का विरोध किया था और कहा था कि एक दिन घिसते-घिसते यह खत्म हो जाएगा। आज की कांग्रेस की विचारधारा से लगता है कि कांग्रेस आत्महत्या कर रही है और मैं इसमें कांग्रेस का भागीदार नहीं बनना चाहता हूं। मैं इस व्हिप का पालन नहीं करूंगा और मैं कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देता हूं।
कालिता उच्च सदन में कांग्रेस की ओर से असम का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। सभापति एम वेंकैया नायडू ने उनके इस्तीफे की सूचना दी। कालिता का उच्च सदन में कार्यकाल नौ अप्रैल 2020 तक था। इसके बाद उन्होंने बताया कि जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए नियम 267 के तहत विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, सपा के रामगोपाल यादव, भाकपा के बिनॉय बिस्वम, माकपा इलामारम करीम, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह तथा कांग्रेस के भुवनेश्वर कालिता ने नोटिस दिए हैं। नायडू ने कहा ‘चूंकि कालिता ने उच्च सदन की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है इसलिए उनका नोटिस अब कोई मायने नहीं रखता।'
सपा के सुरेन्द्र सिंह नागर, संजय सेठ ने भी दिया इस्तीफा
समाजवादी पार्टी के सुरेन्द्र सिंह नागर और संजय सेठ इस्तीफे की घोषणा की गई। उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने नागर, सेठ और कालिता के इस्तीफे के बारे में सदन को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इन सदस्यों ने दो अगस्त को अपने अपने इस्तीफे दिए जिन्हें स्वीकार कर लिया गया है।
राज्यसभा में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर रहे सुरेंद्र सिंह नागर का कार्यकाल चार जुलाई 2022 तक था। संजय सेठ सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के करीबी माने जाते थे। उच्च सदन में उनका कार्यकाल भी 2022 तक था। इससे पहले 16 जुलाई को सपा के राज्यसभा सदस्य नीरज शेखर ने भी पार्टी और उच्च सदन की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। नीरज भाजपा में शामिल हो चुके हैं।