चीन को झटका, महाराष्ट्र सरकार ने 5000 करोड़ रुपए की परियोजनाओं पर लगाई रोक

Monday, Jun 22, 2020 - 09:28 PM (IST)

नेशनल डेस्कः भारत-चीन के बीच हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवानों के शहीद होने के बाद पूरे देश में रोष है। देश के अलग-अलग राज्यों में लोग चाइनीज सामान का विरोध कर रहे हैं। इस बीच, महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने चीनी कंपनियों के साथ 5,000 करोड़ रुपए से ज्यादा की तीन परियोजनाओं के लिए करार पर फिलहाल रोक लगा दी है। महाराष्ट्र सरकार के उद्योग मंत्री सुभाष देसाई ने बताया कि केंद्र से विचार विमर्श के बाद यह फैसला लिया गया है। हमने तीन परियोजनाओं को रोक दिया है और केंद्र अगले दिशा-निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं।

इन परियोजनाओं को ‘मैग्नेटिक महाराष्ट्र 2.0' निवेशक सम्मेलन में अंतिम रूप दिया गया था। एमओयू पर हस्ताक्षर गलवान घाटी में भारत और चीन की सेना के बीच संघर्ष से कुछ समय पहले किए गए। इन परियोजना के तहत 5,000 करोड़ रुपये का निवेश करने का प्रस्ताव है।

इस सम्मेलन का आयोजन वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पिछले सोमवार को किया गया था। इसमें चीन के राजदूत सन वेईडोंग भी मौजूद थे। महाराष्ट्र में अर्थव्यवस्था को फिर से गति देने के लिए इसका आयोजन किया गया था। इस दौरान, चीन, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर और अमेरिका जैसे देशों की कंपनियों के साथ दर्जन भर करार किए गए। इन 12 एमओयू में से तीन एमओयू चीन की कंपनियों के साथ हुए थे। जिसमें हेंगली इंजीनियरिंग के साथ 250 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट, ग्रेट वॉल मोटर्स के साथ 3,770 करोड़ रुपए की परियोजना और पीएमआई इलेक्ट्रो मोबिलिटी के साथ 1,000 करोड़ु रुपये की परियोजना शामिल है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा था, "भारत शांति चाहता है लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि भारत कमजोर है। चीन का स्वभाव विश्वासघात करने का कहा है। भारत मजबूर नहीं बल्कि मजबूत है।" लद्दाख में भारत और चीन की सैन्य झड़प के बाद कई राज्य चीनी कंपनियों के साथ किए गए ठेकों की समीक्षा कर रहे हैं।

Yaspal

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