झटकाः एक दशक में सबसे कम रहेगी जीडीपी, 2019-20 में पांच फीसदी रहने का अनुमान

Tuesday, Jan 07, 2020 - 07:46 PM (IST)

नई दिल्लीः अर्थव्यवस्था में जारी सुस्ती के बीच सरकार ने चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के पाँच प्रतिशत बढ़ने का अनुमान व्यक्त किया है जबकि पिछले वित्त वर्ष में इसकी वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत रही थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने मंगलवार को चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी का पहला अग्रिम अनुमान जारी किया जिसमें वास्तविक जीडीपी के पाँच प्रतिशत की गति से बढ़ने की संभावना जतायी गयी है।

इसमें कहा गया है कि वर्ष 2011-12 के स्थिर मूल्य पर वर्ष 2019-20 में जीडीपी 147.79 लाख करोड़ रुपये पर रहने का अनुमान है जबकि वर्ष 2018-19 में यह 140.78 लाख करोड़ रुपये रहा है। इसके आधार पर चालू वित्त वर्ष में वास्तविक जीडीपी में पाँच प्रतिशत की बढोतरी की उम्मीद है जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह दर 6.8 प्रतिशत रही थी।

आर्थिक गतिविधियों में महती भूमिका निभाने वाले कृषि, विनिर्माण, निर्माण और खान एवं खनन क्षेत्र में चालू वित्त वर्ष में 1.5 प्रतिशत से 3.2 प्रतिशत तक की वृद्धि होने का अनुमान जताया गया है जिसके कारण जीडीपी वृद्धि प्रभावित हो रही है। चालू वित्त वर्ष में विनिर्माण क्षेत्र के दो प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है जबकि वर्ष 2018-19 में यह दर 6.9 प्रतिशत रही थी। कृषि, वानिकी और मत्स्यपालन में 2.8 प्रतिशत की बढ़ोतरी की संभावना है जो पिछले वित्त वर्ष में 2.9 प्रतिशत रही थी। इस वित्त वर्ष में खान एवं खनन क्षेत्र के 1.5 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह 1.3 प्रतिशत रहा था।

चालू वित्त वर्ष में निर्माण क्षेत्र के 3.2 प्रतिशत की दर से बढ़ने की संभावना है जबकि वर्ष 2018-19 में यह 8.7 प्रतिशत रहा था। बिजली, गैस, जलापूर्ति और अन्य यूटिलिटी सेवाओं में वर्ष 2019-20 में 5.4 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है जबकि वर्ष 2018-19 में यह आँकड़ा सात प्रतिशत रहा था। ट्रेड, होटल, परिवहन, संचार और प्रसारण से जुड़ी सेवाओं के चालू वित्त वर्ष में 5.9 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह 6.9 प्रतिशत की दर से बढ़ा था। वित्तीय, रियल एस्टेट और पेशेवर सेवाओं में 6.4 प्रतिशत की बढोतरी की उम्मीद है जबकि वर्ष 2018-19 में यह 7.4 प्रतिशत बढ़ा था। लोक प्रशासन, रक्षा और अन्य सेवाओं में 9.1 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह 9.1 प्रतिशत बढ़ा था।

 

Yaspal

Advertising