राहुल ने उड़ा दी गुजरात में भाजपा परिवार की नींद: शिवसेना

Thursday, Feb 15, 2018 - 04:53 PM (IST)

मुंबई: कथित रूप से मांसाहार खाने के बाद मंदिर जाने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर कर्नाटक के भाजपा प्रमुख बी एस येदियुरप्पा की टिप्पणी की आलोचना करते हुए शिवसेना ने आज कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान इस तरह के मुद्दों पर चर्चा करना भाजपा की घबराहट और बीमार मानसिकता को दिखाता है ।  तीन दिन पहले येदियुरप्पा ने कर्नाटक के उत्तरी भाग में यात्रा के दौरान कथित तौर पर ‘‘जावेरी चिकन’’ खाकर मंदिर जाने के लिए राहुल गांधी पर निशाना साधा था ।  शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में एक संपादकीय में कहा है, ‘‘कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुजरात में भाजपा परिवार की नींद उड़ा दी । ऐसा लग रहा है कि कर्नाटक (विधानसभा चुनाव) में यही होने वाला है। राहुल गांधी गुजरात में कई मंदिरों में गए थे और वहां पर पूजा अर्चना की। ’’ सामना में कहा गया, उस समय भाजपा ने उनकी तीखी आलोचना की क्योंकि वह चिंतित हो गए कि अगर कांग्रेस नेता हिंदुत्व को अपनाने लगे तो उनका क्या होगा ।  

मुखपत्र में दावा किया गया कि कर्नाटक के आगामी चुनावों में कांग्रेस भाजपा को उसी तरह घेरेगी जैसा उसने गुजरात चुनावों के पहले पिछले साल ‘नरम हिंदुत्व’ को अपनाकर किया ।  उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने कहा है कि गुजरात की तरह राहुल गांधी राज्य में मंदिरों के साथ मस्जिद भी जा रहे हैं । इससे भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बी एस येदियुरप्पा खफा हैं जिन्होंने गांधी पर मांसहार खाने के बाद मंदिर जाने का आरोप लगाया है। शिवसेना के मुताबिक, कांग्रेस ने तुरंत ही स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा था कि मंदिर जाने के पहले राहुल गांधी ने शाकाहारी भोजन किया था, ऐसे में यह पूरा प्रकरण यही दिखाता है कि चुनाव प्रचार कितने ‘निम्न’ स्तर को छू चुका है ।  शिवसेना ने कहा, ‘‘चुनाव प्रचार के दौरान ऐसे मुद्दों पर चर्चा करना बीमार मानसिकता का संकेत है।’’

 पार्टी ने कहा, ‘‘ हर धार्मिक स्थान की अपनी रूढ़ी और परंपरा होती है। महाराष्ट्र में ऐसे मंदिर हैं जहां भगवान को मांसाहारी नैवैद्य चढ़ाया जाता है । चुनाव प्रचार में ऐसे मुद्दे उठाना बिगड़ी हुई मानसिकता को दिखाता है। ’’ पार्टी ने कहा कि केवल उन्हें ही पता है कि राहुल गांधी की थाली में वहां क्या था। लेकिन, हम आश्वस्त हैं कि इससे भाजपा घबरा गयी है ।  सामना में कहा गया ‘‘पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी शाकाहारी थीं या मासांहारी? इस विवाद में पडऩे की बजाए उन्होंने पाकिस्तान के दो टुकड़े किये, यह महत्वपूर्ण है।’’ इसमें कहा गया ‘‘शाकाहार तथा धर्मप्रेमी येदियुरप्पा ने अपने मुख्यमंत्री पद के कार्यकाल में सीमा क्षेत्र के मराठी भाषियों का खून बहाया सिर फोड़ा । यह ङ्क्षहसाचार और तानाशाही मतलब, मांसाहार ही था।’’          

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