ऑफ द रिकॉर्डः शिवराज, वसुंधरा और रमन सिंह लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे
Tuesday, Dec 18, 2018 - 08:34 AM (IST)
नेशनल डेस्कः राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में हार के बाद भाजपा हाईकमान अब बहुत सतर्कता के साथ कदम उठा रहा है। मोदी-अमित शाह की टीम द्वारा चुनाव परिणामों का गहराई से विश्लेषण करने के बाद यह तय किया गया कि इन राज्यों के पूर्व मुख्यमंत्रियों को डिस्टर्ब नहीं किया जाएगा। ये विधानसभाओं में अपने क्षेत्र के प्रतिनिधि रहे हैं। भाजपा नेतृत्व का मानना है कि जब तक लोकसभा चुनाव नहीं हो जाते वसुंधरा राजे सिंधिया, शिवराज सिंह चौहान और रमन सिंह अपने राज्य में पार्टी का नेतृत्व करेंगे। लोकसभा चुनाव उनके नेतृत्व में ही उक्त राज्यों में होंगे। साथ ही इनमें से कोई लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ेगा।
चुनाव में भाजपा के प्रदर्शन की समीक्षा के बाद केंद्रीय नेतृत्व इस बात से बहुत चिंतित है कि छत्तीसगढ़ में भाजपा और कांग्रेस को मिले मतों में बहुत बड़ा अंतर रहा। छत्तीसगढ़ में मतों में यह अंतर 10 प्रतिशत से भी ज्यादा रहा जबकि राजस्थान में भाजपा 1 प्रतिशत मत से कांग्रेस से पीछे रही। वहीं, मध्य प्रदेश में भाजपा को कांग्रेस से ज्यादा मत मिले। इसमें कोई संदेह नहीं है कि भाजपा छत्तीसगढ़ में अजीत जोगी की भूमिका पर विचार कर रही है। अजीत जोगी पूरी तरह से असफल रहे और उन्हें 7.6 प्रतिशत वोटों के साथ महज 5 सीटें मिलीं। भाजपा नेतृत्व का मानना है कि अजीत जोगी ने पार्टी को कांग्रेस से ज्यादा नुक्सान पहुंचाया।
बसपा भी कांग्रेस को नुक्सान पहुंचाने में कामयाब नहीं हो सकी जबकि उसने काफी संख्या में उम्मीदवार उतारे थे, पर 3.9 प्रतिशत वोटों के साथ सिर्फ 2 सीटें ही जीत सकी इसलिए छत्तीसगढ़ में भाजपा को अब नई रणनीति विकसित करनी होगी। वैसे अभी रमन सिंह का कद पार्टी कम करने नहीं जा रही है, पर छत्तीसगढ़ में पार्टी का कोई नया अध्यक्ष चुना जा सकता है जो रमन सिंह की भूमिका को सीमित करेगा। वहीं, भाजपा मध्य प्रदेश और राजस्थान में वसुंधरा और चौहान की जगह दूसरे को लाना नहीं चाहती बल्कि इन्हें ही और मजबूत बनाना चाहती है ताकि लोकसभा चुनाव में ये सही परिणाम दे सकें।