शिवसेना का BJP से सवाल- बुलेट ट्रेन पर करोड़ों खर्च तो दुग्ध उत्पादकों पर क्यों नहीं?

Tuesday, Jul 17, 2018 - 04:37 PM (IST)

नेशनल डेस्क: महाराष्ट्र में जारी दुग्ध उत्पादक किसानों के प्रदर्शन के समर्थन में आयी शिवसेना ने आज जानना चाहा कि अगर सरकार बुलेट ट्रेन जैसी महंगी परियोजनाओं पर करोड़ों रुपये खर्च कर सकती है तो वह दूध खरीद मूल्य में बढ़ोत्तरी क्यों नहीं कर सकती है। राज्य के किसानों के संगठनों ने दूध के खरीद मूल्य में प्रति लीटर पांच रुपये की वृद्धि की मांग को लेकर प्रदर्शन शुरू किया है। प्रदर्शन सोमवार सुबह शुरू हुआ। इसके तहत प्रदर्शनकारी महाराष्ट्र के कई जिलों में दूध के टैंकरों की आवाजाही अवरूद्ध कर रहे हैं।

किसानों को नजरअंदाज कर रही सरकार 
शिवसेना ने कहा कि आंदोलन को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है क्योंकि इसे राजू शेट्टी (किसान नेता) ने शुरू किया है। किसान ना तो किसी क्षेत्र विशेष या ना ही किसी जाति अथवा राजनीतिक दल से संबंध रखते हैं। 3,000 से अधिक किसानों ने बीते चार साल में अपना जीवन खत्म कर लिया है और इनमें से अधिकतर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को वोट दिया था। पार्टी ने अपने मुखपत्र ‘ सामना ’ के संपादकीय में लिखा कि पिछले साल किसानों ने अपनी मांगों को लेकर दबाव बनाने के लिये हड़ताल की थी, जो सरकार के लिये लज्जा की बात है। अब डेयरी किसानों के मौजूदा आंदोलन को दबाने के बजाय राज्य को यह सोचना चाहिए कि वह उन्हें कैसे राहत दे सकता है।

आंदोलन तोडऩे की कोशिश कर रही भाजपा 
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने आरोप लगाया कि एक तरफ सरकार आंदोलन तोडऩे की कोशिश कर रही है वहीं दूसरी ओर वह ‘जय किसान’ के नारे लगा रही है। पार्टी ने कहा कि सरकार ने दूध खरीद दर 27 रुपये प्रति लीटर तय कर रखा है लेकिन अब भी इसे महज 16-18 रुपये की दर से खरीदा जा रहा है। संपादकीय में कहा गया कि गोवा कर्नाटक की सरकारें दूध किसानों को पांच रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी देती हैं। तो अगर महाराष्ट्र के किसान भी ऐसी ही राहत की मांग करते हैं, तो इसमें गलत क्या है ? सरकार बुलेट ट्रेन, समृद्धि कॉरिडोर और मेट्रो रेल परियोजनाओं पर हजारों करोड़ रुपये खर्च कर रही है। 
 

vasudha

Advertising