महबूबा और उमर पर भड़की शिवसेना, कहा- ऐसी आवाजों को दबाने की जरूरत

Wednesday, Apr 03, 2019 - 05:33 PM (IST)

नेशनल डेस्क: शिवसेना ने कांग्रेस पर अपने शासनकाल में ‘हिंदू आतंक’ शब्द फैलने का आरोप लगाते हुए कहा कि इससे पाकिस्तानी आतंकवादियों को भारत में अपनी गतिविधियों को अंजाम देने का बढ़ावा मिला। पार्टी ने संविधान के अनुच्छेद 35-ए पर जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला के रुख की भी आलोचना की और कहा कि अगर ऐसी आवाजों को दबाया नहीं गया तो सीमाई प्रदेश अशांति और अस्थिरता के शिकंजे में फंसा रहेगा।



शिवसेना का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब दो दिन पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस पर शांतिप्रिय हिंदुओं को आतंकवाद से जोड़ कर उनका अपमान करने का आरोप लगाया था। पार्टी ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में कहा कि भगवा आतंक अथवा हिंदू आतंक शब्द उस वक्त प्रचारित किया गया जब केन्द्र में कांग्रेस की सत्ता थी। समझौता एक्सप्रेस ट्रेन धमाका और मालेगांव बम विस्फोट मामले में आरोपों के अलावा ङ्क्षहदुओं के खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए गए।


सामना में कहा गया कि (समझौता धमाका मामले में) स्वामी असीमानंद और (मालेगांव मामले में) साध्वी प्रज्ञा ठाकुर तथा लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित के खिलाफ घोर अन्याय हुआ। हिंदू आतंक शब्द के प्रसार ने पाकिस्तान के आतंकवादियों को बढ़ावा दिया। पाकिस्तानी आतंकी हमलों का ठीकरा हिंदू अतिवादियों पर फोड़ते हैं....अब एक अदालत ने स्वामी असीमानंद को बेगुनाह बताया है।


शिवसेना ने कहा कि मोदी ने महाराष्ट्र के वर्धा में एक रैली में कांग्रेस पर विश्वभर में हिंदू धर्म का अपमान करने और हिंदुओं को आतंकवाद से जोड़ कर देश के पांच हजार साल पुराने इतिहास पर धब्बा लगाने का आरोप लगाया है। संपादकीय में कहा गया कि मोदी ने 2019 में जम कर हिंदुत्व का कार्ड खेला है। कुछ कहते हैं वर्धा रैली में मोदी के भाषण के दौरान 40 फीसदी मैदान खाली था, लेकिन अहम बात यह है कि इतनी गरमी में भी 60 फीसदी मैदान लोगों से भरा था। शिवसेना ने धारा 370 तथा संविधान के अनुच्छेद 35-ए पर मुफ्ती तथा अब्दुल्ला के रुख की भी आलोचना की। 

vasudha

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