गोवा के CM को देना चाहिए था इस्तीफा और तब लडऩा चाहिए था उपचुनाव: शिवसेना

Monday, Aug 21, 2017 - 06:29 PM (IST)

पणजी: शिवसेना ने आज कहा कि मनोहर पर्रिकर को 23 अगस्त को होने वाला पणजी उपचुनाव लडऩे से पहले गोवा के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए था जिससे कि अन्य उमीदवारों को भी प्रतिस्पर्द्धा का मौका मिलता।  उपचुनाव में भाजपा के उम्मीदवार र्पिकर के खिलाफ कांग्रेस के गिरीश चोडांकर और गोवा सुरक्षा मंच (जीएसएम) के आनंद शिरोडकर मैदान में हैं।  महाराष्ट्र और केंद्र में भाजपा नीत सत्तारूढ़ गठबंधन की घटक शिवसेना विधानसभा उपचुनाव में जीएसएम का समर्थन कर रही है।  इस साल मार्च में गोवा के मुयमंत्री बनने से पहले र्पिकर विधायक नहीं थे।  

शिवसेना के संजय राउत ने यहां संवाददाताओं से कहा, जब कोई मुख्यमंत्री चुनाव लड़ता है तो पहले उसे पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। जब आप मुख्यमंत्री के रूप में लड़ते हैं तो आप अन्य उम्मीदवारों को प्रतिस्पर्द्धा का बराबर मौका प्रदान नहीं करते। उन्होंने कहा कि जब कोई मुख्यमंत्री चुनाव लड़ता है तो समूची राज्य मशीनरी उसकी सेवा में लग जाती है जिसका चुनाव प्रक्रिया के दौरान दुरुपयोग किया जा सकता है। 

राउत ने कहा कि राजनीतिक गलियारों में पणजी उपचुनाव पर करीब से नजर रखी जा रही है।  उन्होंने आरोप लगाया, मुख्यमंत्री ने पणजी और वालपोई उपचुनाव को ध्यान में रखते हुए विधानसभा में (मानसून सत्र के दौरान) कई बयान दिए और कई घोषणाएं कीं। राज्यसभा सदस्य ने दावा किया कि यह Þ Þमतदाताओं को प्रभावित करने के लिए सत्ता का दुरपयोग है। उन्होंने कहा कि र्पिकर को मुख्यमंत्री के रूप में इस्तीफा दे देना चाहिए था और निर्वाचित होने तथा पद की शपथ लेने से पहले छह महीने इंतजार करना चाहिए था।  राउत ने कहा, यदि यह हुआ होता तो हम उनके फैसले का स्वागत करते।  

 शिवसेना नेता ने कहा कि उनकी पार्टी ने पणजी उपचुनाव में जीएसएम के शिरोडकर का समर्थन किया है।  शिरोडकर ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान दावा किया कि पणजी में असल लड़ाई कांग्रेस और जीएसएम के बीच है, जबकि पर्रिकर कहीं भी मैदान में नहीं हैं। उन्होंने कहा, र्पिकर के खिलाफ व्यापक रोष है जिसे वह समझ गए हैं। वह पहले ही दौड़ से बाहर हो चुके हैं। असल लड़ाई कांग्रेस और जीएसएम के बीच है।

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