शिंजो आबे के अंतिम संस्कार में दिखा क्वाड का दम , तिलमिला रहा चीन
Tuesday, Sep 27, 2022 - 05:17 PM (IST)
टोक्यो: जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के अंतिम संस्कार में क्वाड ने अपनी ताकत दिखाते हुए एकजुटता का प्रदर्शन किया। चीन और रूस के साथ तनाव के बीच क्वॉड देश भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के नेता अपने दोस्त शिंजो आबे को अंतिम विदाई देने के लिए पहुंचे। इस दौरान PM नरेंद्र मोदी ने जापानी प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा से मुलाकात की है। बताया जा रहा है कि जापान के प्रधानमंत्री अगले तीन दिनों तक दुनिया के 40 देशों के नेताओं के साथ बैठक करेंगे। जापान शिंजो आबे के अंतिम संस्कार के अवसर का इस्तेमाल 'मुक्त और स्वतंत्र हिंद-प्रशांत' पर जोर देने के लिए कर रहा है।
जापान के दांव से चीन को लगी मिर्ची
इस अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने के लिए चीन ने वान गांग को भेजा है। वह विज्ञान और तकनीक मंत्री रह चुके हैं। वान चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य भी नहीं हैं जो देश की नीतियों को तय करती है। किशिदा का वान से मिलने का कोई प्लान भी नहीं है। ऐसी अटकलें थीं कि चीन अपने किसी वरिष्ठ नेता को भेज सकता है लेकिन ऐसा हुआ नहीं और चीन ने एक कम महत्वपूर्ण नेता को टोक्यो भेजा है। माना जा रहा है कि चीन को ताइवान के मुद्दे पर अमेरिका और जापान के बीच बढ़ते रिश्ते से टेंशन है। इस बीच चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के पूर्व संपादक हू शिजिन ने जापान पर तीखा तंज किया है और कहा कि इस अंतिम संस्कार में जी7 देशों का एक भी नेता नहीं पहुंचा है। उन्होंने कहा कि जी7 देश जापान को पश्चिमी देशों के दूसरे दर्जे के नागरिक के रूप में देखते हैं। लद्दाख से लेकर जापान सागर तक फैले इस हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन लगातार जंग की धमकी दे रहा है और दादागिरी दिखा रहा है। जापान के इस दांव से चीन को तीखी मिर्ची लगी है।
जापानी PM ने प्रधानमंत्री मोदी सहित 10 देशों के नेताओं से की मुलाकात
जापानी पीएम ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात के अलावा सोमवार को अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस समेत 10 देशों के नेताओं से मुलाकात की। कमला हैरिस के जनवरी 2021 में सत्ता संभालने के बाद यह उनकी पहली जापान यात्रा थी। पीएम किशिदा ने कमला हैरिस से मुलाकात के दौरान कहा, 'जापान और अमेरिका के लिए सबसे महत्वपूर्ण लक्ष्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता है।' कमला हैरिस ने एक बार फिर से अमेरिका की जापान की सुरक्षा की प्रतिबद्धता को दोहराया। अमेरिकी नेता ने कहा कि अगर जापान को धमकी दी जाती है तो अमेरिका टोक्यो के साथ खड़े होने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
कमला हैरिस ताइवान के पास चीनी सेना के अभ्यास का मुद्दा उठाया
कमला हैरिस और किशिदा के बीच मुलाकात के दौरान में ताइवान के पास चीनी सेना के अभ्यास पर भी बातचीत हुई। किशिदा और कमला दोनों ने ही हिंद- प्रशांत क्षेत्र में ताकत के बल पर यथास्थिति में किसी भी एकतरफा बदलाव के प्रयास का कड़ा विरोध किया। वाइट हाउस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि दोनों ही नेताओं ने ताइवान स्ट्रेट में हालिया आक्रामक और गैरजिम्मेदाराना व्यवहार पर चर्चा की है। साथ ही ताइवान स्ट्रेट में शांति और स्थिरता को बरकरार रखने के महत्व की फिर से पुष्टि की है।
किशिदा ने रूस पर निशाना साधा
जापान और अमेरिका चीनी सेना की बढ़ती ताकत और विस्तार तथा आर्थिक शक्ति को देखते हुए शिंजो आबे के कार्यकाल से ही स्वतंत्र हिंद- प्रशांत क्षेत्र बनाने का समर्थन कर रहे हैं। साथ ही जापान और अमेरिका दोनों ही दक्षिण पूर्व एशिया और यूरोप के देशों से अनुरोध कर रहे हैं कि वे हिंद-प्रशांत क्षेत्र की रणनीति में सहयोग करें। किशिदा ने रूस पर भी निशाना साधा और कहा, 'दुनिया इसलिए संकट का सामना कर रही है, क्योंकि रूस ने यूक्रेन पर हमला किया है।' शिंजो आबे ने अपने कार्यकाल में चीन और दक्षिण कोरिया के साथ रिश्ते सुधारने की कोशिश की थी लेकिन उन्हें बहुत सफलता नहीं मिल पाई थी।